पिता का साया छिना, पर हिम्मत नहीं हारी, छपरा के विनीत ऐसे बने BPSC टॉपर

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Nov 27, 2024, 1:01 PM IST

BPSC 69वीं परीक्षा में छपरा के विनीत आनंद ने 5वां स्थान हासिल किया। पिता के निधन के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मां व बहनों के सहयोग से कठिन परिस्थितियों में सफलता पाई। 

BPSC Topper 2024: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के 69वें एग्जाम में सारण जिले के विनीत आनंद ने पांचवां स्थान हासिल किया है। वह मशरक प्रखंड के पकड़ी गांव के रहने वाले है। कठिन परिस्थितियों के बीच हार्ड वर्क कर इस मुकाम तक पहुंचे। पिता का साया छिनने के बाद भी अपने सपनों को टूटने नहीं दिया। विनीत आनंद की कहानी युवाओं के लिए इंस्पिरेशनल है। आपको बता दें कि विनीत को यह सक्सेस हिंदी मीडियम से मिली है।

पिता की मौत के बाद मां बनीं परिवार का सहारा

बचपन में ही विनीत के पिता स्व. अवधेश तिवारी का निधन हो गया था। वह आर्मी में कार्यरत थे। इसके बाद विनीत की मां, मंजू देवी अकेले पूरे परिवार का सहारा बनीं। बच्चों को आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया। विनीत की तीन बड़ी बहनें हैं, जो हमेशा उनके गाइडेंस के लिए मौजूद रहीं। उनकी एक बहन शेखपुरा में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।

गांव से शुरूआती​ शिक्षा, 5 घंटे रेगुलर पढ़ाई

विनीत की शुरूआती शिक्षा गांव के महंत रामस्वरूप विद्यालय, बहुआरा मशरक से हुई। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी का रुख किया और ग्रेजुएशन की पढ़ाई वहीं से पूरी की। दिल्ली में रहकर ही उन्होंने बीपीएससी की तैयारी शुरू की। बीपीएससी एग्जाम में पांचवां स्थान हासिल करना विनीत के लिए आसान नहीं था। यह उनका चौथा प्रयास था। उन्होंने डेली चार से पांच घंटे रेगुलर पढ़ाई की और अनुशासन बनाए रखा। विनीत के अनुसार, उनकी मां और बहनों का सपोर्ट रहा।

विनीत ने बनाई ये खास स्ट्रेटजी

विनीत ने अपनी सफलता के लिए खास स्ट्रेटजी अपनाई। ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट और आप्शनल सब्जेक्ट पर फोकस किया। साथ ही करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए डेली न्यूज पेपर और नोट्स बनाने की हैबिट डेवलप की। पढ़ाई के समय को सही तरीके से बांटा। हार्ड सब्जेक्ट को प्रॉयोरिटी दी। उन्हें बार-बार दोहराया। मॉक टेस्ट दिया और प्रीवियस इयर्स के प्रश्नपत्रों की भी स्टडी की। 

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