एक हादसा-कट गए दोनों पैर...जिद देखिए छत्तीसगढ़ के चित्रसेन ने फतह कर डाली 4 महाद्वीपों की ऊंची चोटियां

By Kavish AzizFirst Published Aug 14, 2023, 9:00 AM IST
Highlights

छत्तीसगढ़ के बैलोदी के चित्रसेन एक सिविल इंजीनियर थे, एक हादसे में उनके दोनों पैर काटने पड़े और उन्हें प्रोस्थेटिक लेग लगाए गए। कृत्रिम पैरों से दुनिया के 4 महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाले माउंटेनियर हैं चित्रसेन।

छत्तीसगढ़. अगर आप जिंदगी से बहुत हताश हो चुके हैं, निराश हो चुके हैं, विफलताओं से परेशान हैं, रिश्तेदारों के ताने आपको पसंद नहीं आ रहे, मन मुताबिक नौकरी नहीं मिल रही है तो एक बार ह्यूमन रोबो के नाम से मशहूर चित्रसेन साहू को जरू पढ़िए। उनकी तस्वीरें देखिये। आपको एहसास होगा कि आप जिस मुकम्मल जहान की तलाश में हैं, चित्रसेन उस मुकम्मल जहान को जी रहे हैं। Mynation Hindi से चित्रसेन ने अपने संघर्षों को बताया।

कौन हैं चित्रसेन साहू
चित्रसेन साहू का जन्म 12 अक्टूबर 1992 को छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के बेलोदी गांव में हुआ। उनका प्राइमरी एजुकेशन गांव के सरकारी स्कूल में हुआ। गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई। बिलासपुर से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान चित्रसेन को छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में सिविल इंजीनियर की नौकरी मिल गई।

एक हादसा और सब कुछ बदल गया
 
साल 2014 में चित्रसेन बिलासपुर जा रहे थे। भाटपारा स्टेशन के पास वो पानी पीने के लिए नीचे उतरे थे। तभी  ट्रेन ने छूटने का सिग्नल दे दिया। चित्रसेन दौड़े। ट्रेन पकड़ने की कोशिश में उनका हाथ फिसल गया और वह बुरी तरह से घायल हो गए। चित्रसेन कहते हैं- मुझे बेतहाशा दर्द हो रहा था। मैं तड़प रहा था समझ में नहीं आ रहा था किस घड़ी में मैं पानी पीने उतरा था। दिमाग में अजीब-अजीब से सवाल उठ रहे थे। अस्पताल पहुंचा। डॉक्टर की बात सुनते ही मेरा कलेजा मुंह को आ गया। नौकरी की फिक्र होने लगी। डॉक्टर ने कहा- मेरा पैर काटना पड़ेगा। एक नहीं दोनों पैर। मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था। दिल की धड़कन तेज हो गई थी। मैं एक अवसाद में जा चुका था।

एक किताब ने मुश्किल दौर में दिया हौसला
अस्पताल में एक-एक दिन मुश्किल से कट रहे थे। मैं बस यही सोच रहा था। क्या करूंगा। कैसे करूंगा। सबसे ज्यादा परेशान अपने भविष्य के लिए था। मैं दिनभर मोबाइल पर गूगल सर्च करता रहता था और उसी दरमियान मैंने माउंटेनियर अरुणिमा सिन्हा की किताब पढ़ी। तब मुझे लगा जिंदगी में बहुत कुछ कर सकते हैं। इतने दिन अस्पताल में रहकर आर्थिक परेशानी भी हो रही थी लेकिन दोस्त साथ दे रहे थे। फिर एक दिन कृत्रिम पैर लग गया। प्रोस्थेटिक पैर से चलने में दिक्कत हो रही थी। तकलीफ भी बहुत हो रही थी, लेकिन धीरे-धीरे आदत हो गई। कुछ दिन में नौकरी भी ज्वाइन कर लिया। जब चलने में तकलीफ कम हुई तो दौड़ने की प्रैक्टिस करना शुरू किया। फिर पहाड़ों पर चढ़ना शुरू किया ।

प्रोस्थेटिक लेग से दुनिया के 4 महाद्वीपों की ऊंची चोटी फतह करने वाले इकलौते माउंटेनियर हैं चित्रसेन
30 सितंबर 2019 को अफ्रीका के तंजानिया में 5685 मीटर ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर चित्रसेन ने तिरंगा लहराया। तिरंगा लहराकर वह देश के एकमात्र ऐसे युवा बन गए जो डबल लेग एंप्यूटी हैं और माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा लहराया। प्रोस्थेटिक लेग से दुनिया के 4 महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाले माउंटेनियर हैं चित्रसेन। उन्होंने साउथ अमेरिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी एकांकागुआ फतह किया। चित्रसेन ऑस्ट्रेलिया के माउंट कोजियास्को और रूस के माउंट एलब्रुस को फतेह करने वाले वह पहले दिव्यांग व्यक्ति हैं।

ये भी पढ़ें 

पिता टैक्सी ड्राइवर,आधा शरीर विकलांग, फिर भी 1st अटेम्प्ट में गोरखपुर की यशी ने क्वालीफाई किया NEET...

click me!