अपनी पहली जॉब कैसे हासिल करें फ्रेशर्स? ₹500 से ₹5000 करोड़ का सफर तय करने वाले डॉ. वेलुमणि से जानें

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Aug 26, 2024, 6:36 PM IST
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फ्रेशर्स के लिए नौकरी पाने के टिप्स: 50 से अधिक रिजेक्शंस झेलने वाले डॉ. वेलुमणि से जानें। अनुभव की कमी को पार कर इंटरव्यू में सक्सेस पाने के तरीके।

नयी दिल्‍ली। आज की नौकरी की दुनिया में फ्रेशर्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती है-अनुभव की कमी के कारण रिजेक्शन का सामना करना। यह समस्या सिर्फ नए उम्मीदवारों के लिए नहीं, बल्कि पूरी जॉब मार्केट की एक जानी-मानी सच्चाई बन चुकी है। लेकिन क्या फ्रेशर्स के पास ऐसा कुछ हो सकता है, जिससे उन्हें बार-बार रिजेक्ट न होना पड़े? इस सवाल का जवाब उस व्यक्ति से बेहतर कौन दे सकता है, जिसने खुद 50 से अधिक रिजेक्शन का सामना किया और फिर अपनी कम्पनी में 25,000 फ्रेशर्स को नौकरी दी। एक युवक के सवाल पर ₹500 से ₹5000 करोड़ का सफर तय करने वाले थॉयरोकेयर के फाउंडर डॉ. वेलुमणि ने युवाओं को बड़ी सीख दी है। आइए इस बारे में जानते हैं।

50 से अधिक बार झेला रिजेक्शन

डॉ. वेलुमनि ने अपने कॅरियर में 50 से अधिक बार रिजेक्ट होने का दर्द झेला। यह अनुभव ही उनकी प्रेरणा बना, जिसके कारण उन्होंने ठान लिया कि वह अपनी कम्पनी में फ्रेशर्स के लिए एक प्लेटफार्म तैयार करेंगे, जिससे उन्हें वैसी मुश्किलों का सामना न करना पड़े, जैसा उन्हें करना पड़ा। उनका प्रयास फ्रेशर्स को नौकरी देने के साथ-साथ उन्हें प्रशिक्षित कर करियर में आगे बढ़ने का मौका देना था।

अनुभव की मांग करना कितना सही?

एक टॉक शो में वह कहते हैं कि हर कार्डियोलॉजिस्ट की भी एक पहली सर्जरी होती है। अगर उसे पहले से अनुभव न मिले, तो वह कभी सर्जन नहीं बन सकता। इसी तरह, हर नए उम्मीदवार को भी पहली बार काम करने का मौका मिलना चाहिए। कंपनियों को यह समझना होगा कि नौकरी देकर, हाथ पकड़कर फ्रेशर्स को प्रशिक्षित करना भी एक बड़ी जिम्मेदारी है।

अनलर्न और रिलर्न

उनका कहना है कि जब कोई व्यक्ति किसी अन्य कंपनी से आता है, तो उसे कई बार अपने पिछले सीखे हुए काम को "अनलर्न" करना पड़ता है और नए माहौल में "रिलर्न" करना पड़ता है। इस पूरे प्रॉसेस में कंपनियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जिससे वर्कर सही डाइरेक्शन में आगे बढ़ सकें।

फ्रेशर्स को किन क्वालिटीज पर काम करना चाहिए?

अब सवाल यह है कि फ्रेशर्स को खुद को कैसे तैयार करना चाहिए ताकि उन्हें बार-बार रिजेक्ट न होना पड़े? एक सवाल के जवाब में डॉ. वेलुमनि कहते हैं कि इंटरव्यू के दौरान फ्रेशर्स को तीन सवाल कभी नहीं पूछने चाहिए। पहला, ड्यूटी के घंटे कितने हैं? दूसरा, मेरी जिम्मेदारियां क्या होंगी? और तीसरा कितनी छुट्टियाँ मिलेंगी? जब भी फ्रेशर्स इन सवालों को प्रॉयरिटी देते हैं, तो उसका निगेटिव मैसेज जाता है। इसके बजाय, उम्मीदवार को अपनी स्किल्स, लर्निंग एटीट्यूड और कंपनी को कैसे मदद कर सकते हैं, इस पर ध्यान देना चाहिए।

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