...जब SP ऑफिस के बाहर सब्जी बेचने वाला बन गया IPS, गजब है DSP नितिन की कहानी

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jan 12, 2025, 10:13 PM IST

जानें डीएसपी नितिन बगाटे की इंस्पिरेशनल स्टोरी, जिन्होंने एसपी ऑफिस के बाहर सब्जी बेचने से लेकर आईपीएस अधिकारी बनने तक का सफर तय किया। दिलचस्प है नितिन की सफलता की कहानी।

Success Story: महाराष्ट्र के आईपीएस नितिन बगाटे की सफलता की कहानी हैरान कर देने वाली है। कभी वह एसपी आफिस के बाहर सब्जी बेचने का काम करते थे और एक दिन खुद आईपीएस बने। गरीब परिवार में पले-बढ़े, कठिन परिस्थितियों से जूझे, पर हार नहीं मानी और अपने सपनों को सच कर दिखाया। आइए जानते हैं आईपीएस नितिन की इंस्पिरेशनल स्टोरी।

कुछ बड़ा करने का सपना संजोए बेचते थे सब्जियां

नितिन बगाटे का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ। उनका परिवार बेहद गरीब था, जो दिन-रात मेहनत करके दो वक्त की रोटी जुटाता था। परिवार का गुजारा चलाने के लिए नितिन को अपनी पढ़ाई के साथ सब्जी बेचने का काम करना पड़ता था। छोटे से नितिन को एसपी ऑफिस के बाहर सब्जियां बेचते देखना एक आम बात थी। पर उनके मन में कुछ बड़ा करने का सपना था। वे जानते थे कि अगर हालात बदलने हैं, तो उन्हें अपनी मेहनत और लगन को अपना हथियार बनाना होगा।

गरीबी के बावजूद जारी रखी पढ़ाई

गरीबी के बावजूद नितिन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। सरकारी स्कूल से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद हॉयर एजूकेशन के लिए स्ट्रगल किया। वह अक्सर पुराने और उधार लिए गए किताबों से पढ़ाई करते थे। उनका पहला लक्ष्य था कि वह एक ऐसी नौकरी हासिल करें, जिससे उनके परिवार के जीवन स्तर में सुधार आए। काफी विचार करने के बाद उन्होंने  यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने का निर्णय लिया।

फेलियर से सीखकर बढ़े आगे

यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी के लिए नितिन के पास साधन नहीं थे। न अच्छे कोचिंग सेंटर ज्वाइन करने के लिए पैसा और न ही महंगी किताबें खरीदने की कैपेसिटी। सीमित संसाधनों में ही तैयारी करनी थी। नितिन तीन बार यूपीएससी एग्जाम के इंटरव्यू तक पहुंचे। पर सफलता नहीं मिली। आखिरकार, साल 2016 में वह समय आया, जब नितिन बगाटे ने यूपीएससी क्रैक किया। आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) के लिए सेलेक्शन हुआ। यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा था।

युवाओं के लिए प्रेरणा

आज नितिन बगाटे महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में डीएसपी के पद पर तैनात हैं। वह अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते हैं। उनके काम करने का तरीका ऐसा है कि वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं। 

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