उत्तराखंड के काशीपुर में एक पिता ने अपनी बेटी के फर्स्ट पीरियड को केक काट कर सेलिब्रेट किया। इस केक कटिंग सेरेमनी के पीछे न सिर्फ महामारी को लेकर एक सकारात्मक सन्देश था बल्कि बेटी को भी इस बदलाव में ईज़ी फील कराना था ।
उत्तराखंड. पीरियडस यानी मासिक धर्म पर आज भी लोग बात करने से कतराते हैं, पीरियड के दौरान महिलाओं को किचन में नहीं जाने दिया जाता, घर परिवार के फंक्शन में शिरकत नही करने दिया जाता लेकिन इस मिथ को तोड़ते हुए उत्तराखंड में जितेंद्र भट्ट ने अपनी बेटी के फर्स्ट पीरियड को केक काटकर सेलिब्रेट किया।
बेटी को स्पेशल फील कराने के लिए अरेंज की गई पार्टी
काशीपुर में जितेंद्र भट्ट म्यूज़िक टीचर हैं। जितेंद्र की जॉइंट फैमिली है, जिसमें उनके माता-पिता, भाई-भाभी और उनका परिवार रहता है। जितेंद्र की इकलौती बेटी रागिनी 13 साल की है। पत्नी भावना सती एक म्यूज़िक टीचर हैं। रागिनी को बुधवार को फर्स्ट पीरियड स्टार्ट हुआ तो पिता और परिवार ने मिलकर एक ग्रैंड पार्टी का आयोजन किया। रिश्तेदार, परिवार दोस्त, सभी को इनवाइट किया। एक हाल बुक किया गया, जिसे सफेद और गुलाबी गुब्बारों से सजाया गया। माता-पिता ने यह सबकुछ रागिनी को स्पेशल फील कराने के लिए किया था। समाज में एक संदेश देने की कोशिश की गई कि पीरियड कोई बीमारी नहीं बल्कि एक औरत की जिंदगी का हिस्सा है।
जब बेकरी वाला अजीब नज़रों से देखने लगा
जितेंद्र ने पीरियड थीम पर बेटी का केक डिजाइन करवाया। उन्होंने केक का कलर वाइट और रेड रखा लेकिन जब केक बनाने वाले से जितेंद्र ने कहा- केक पर लिखो "happy periods Ragini" तो वो अजीब तरीके से उन्हें देखने लगा और बोला- ऐसा केक पहली बार बना रहा हूं।
फेसबुक पर लिखा- अब बेटी बड़ी हो गई है
जितेंद्र ने रागिनी की पीरियड पार्टी की फोटोज फेसबुक पर शेयर की। लिखा "बेटी बड़ी हो गई है" हैप्पी पिरियड रागिनी, इस पोस्ट को लोगों ने बहुत अप्रिशिएट किया। कुछ ने लिखा- "प्राऊड मोमेंट" तो कुछ ने लिखा- "एक शानदार पहल" ।
बहुत से रिश्तेदार नहीं आये पार्टी में
Mynation Hindi से बात करते हुए जितेंद्र ने बताया- मेरे परिवार के बहुत सारे लोग इस फंक्शन में शामिल नहीं हुए। उन्हें ये पार्टी बहुत अजीब लग रही थी। इन लोगों का मानना है कि जो बात छुपाने की होती है, उसे लेकर पार्टी किया जा रहा ।है खासतौर से पुरानी पीढ़ी के लोगों में ऐसी सोच है. लेकिन मैंने इस बात का बुरा नहीं माना। यह सोच कर कि सोसाइटी में एक सिग्मा है जो धीरे-धीरे ही टूटेगा।
रागिनी के लिए स्पेशल गिफ्ट्स की डिमांड
जितेंद्र ने अपने सभी दोस्तों और रागिनी के फ्रेंड्स से यह बोल दिया था कि जो भी आए वह रागिनी को तोहफे के तौर पर सेनेटरी पैड दे, और सभी लोग रागिनी के लिए गिफ्ट में सैनिटरी पैड लेकर पहुंचे।
फर्स्ट पीरियड पर क्या था रागिनी का रिएक्शन
जितेंद्र कहते हैं- जब रागिनी 11 साल की हुई, तभी मैंने और मेरी पत्नी ने रागिनी को पीरियड्स के बारे में समझाना शुरू कर दिया था लेकिन जब उसे पीरियड स्टार्ट हुए तो वो नर्वस हो गई। थोड़ा सहम गई लेकिन धीरे-धीरे समझाने पर नॉर्मल हो गई।
दादी-दादा का मिला आशीर्वाद
जितेंद्र ने जब इस पार्टी के आयोजन की बात घर मे की तो उनके माता-पिता को भी ऑकवर्ड फील हुआ लेकिन जब पेरेंट्स को समझाया तो उन्हें भी समझ में आ गया और वह इस फंक्शन में शामिल हुए और रागिनी को प्यार दुलार के साथ आशीर्वाद भी दिया।
जब यूं ही कह दिया था कि बेटी की पीरियड पार्टी करूंगा
जितेंद्र कहते हैं कि मैं हमेशा देखता था कि सैनिट्री पैड जब कोई खरीदने जाता है तो दुकानदार उसे अखबार में लपेट कर देता है। छुपा कर देता है तो मेरे जहन में हमेशा से यह बात थी कि इस मिथ को तोड़ना है। जब मेरी बेटी होगी तो मैं उसकी पीरियड पार्टी करूंगा और यह बात मैंने अपने स्टूडेंट से भी कही थी, हालांकि उस वक्त मैंने यूं ही कह दिया था लेकिन आज वह कहा सच हो गया।
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