झारखंड के हजारीबाग के जबरा निवासी जय कुमार ने ऐसे समय में अपना खुद का बिजनेस शुरू किया। जब लोग कोरोना महामारी की वजह से घरों में कैद होकर रह गए थे। खुद साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। महामारी के समय उन्हें व्यवसाय शुरू करने का विचार आया।
हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग के जबरा निवासी जय कुमार ने ऐसे समय में अपना खुद का बिजनेस शुरू किया। जब लोग कोरोना महामारी की वजह से घरों में कैद होकर रह गए थे। खुद साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। महामारी के समय उन्हें व्यवसाय शुरू करने का विचार आया। जिससे खुद के साथ लोगों की भी कमाई बढ़ाई जा सके। यूट्यूब से आइडिया मिला तो जबरा नाम से नोटबुक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू कर दी। आज उनके प्रोडक्ट की देश के कोने-कोने में डिमांड है।
बिजनेस के लिए चुना नोटबुक उद्योग
दरअसल, जय कुमार बेंगलुरु की एक कंपनी में काम करते हैं। साल 2020 में कोरोना महामारी के समय उन्हें नौकरी के साथ व्यवसाय करने का विचार आया। नया बिजनेस किस चीज का शुरू किया जाए। जिसमें फायदा हो, यह जानने के लिए उन्होंने काफी रिसर्च किया। यूट्यूब से आइडिया मिला और फिर नोटबुक उद्योग को उन्होंने बिजनेस के लिए चुना।
6 लोगों को दे रखा है रोजगार
उनके मुताबिक, स्टूडेंट्स के लिए कॉपी हमेशा से ही जरूरत की चीज रही है। इसका बिजनेस कभी भी कम नहीं हो सकता। बिजनेस शुरू करने के लिए 7.50 लाख रुपये की कॉपी मैन्युफैक्चरिंग मशीन परचेज की। साउथ इंडिया से 4 लाख रुपये का कच्चा माल मंगाया। हालांकि ट्रांसपोर्ट की दिक्कतों की वजह से अब वह रॉ मटेरियल यूपी से मंगा रहे हैं। 6 लोगों को काम करने के लिए फैक्ट्री में रखा।
डेली 700 से 800 पीस कॉपी होती है तैयार
उन्होंने काम करने वाली महिलाओं और पुरुषों को ट्रेनिंग भी दी। साफ सुथरा काम होने की वजह से महिलाओं के लिए भी घर से निकलकर काम करना आसान हो गया। उनकी कमाई बढ़ी और वह आत्मनिर्भर बनीं। जय कुमार अपने प्रोडक्ट को स्थानीय बाजारों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भी बेचते हैं। प्रमुख तौर पर अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, शॉपक्लूज, अलिबाबा और मीशो पर उनके नोटबुक की डिमांड है। देश भर से आर्डर मिलते है। डेली करीबन 700 से 800 पीस कॉपी प्रिपेयर होती है। आने वाले समय में एक नई यूनिट लगाकर डेली करीबन 3000 पीस कॉपी तैयार करने का लक्ष्य है।
Last Updated Jul 2, 2024, 3:18 PM IST