मोबाइल से भी कम कीमत की पवन चक्की बनाकर 50,000 रुपये से स्टार्टअप शुरु किया। साल भर में करोड़ों का कारोबार। दुनिया भर के 22 देशों में एक्सपोर्ट। राजस्थान के डूंगर सिंह सोढ़ा के इनोवेशन ने करिश्मा कर दिया।
सूरत। मूल रूप से राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले डूंगर सिंह सोढ़ा का बचपन गांव में बीता। गांव में बिजली की समस्या देखकर अक्सर वह सोचते थे कि ऐसा क्या किया जा सकता है, जिससे सस्ते में आसानी से बिजली उपलब्ध हो। बदलते समय के साथ वह पढ़ाई और नौकरी के लिए सूरत आ गए। पर उनके जेहन में बचपन का वह विचार कौंधता रहा। अब, उन्होंने एक पवन चक्की बनाई है, जो मोबाइल से भी कम कीमत की है। 50 हजार रुपये से स्टार्टअप शुरु किया था, जो अब करोड़ो रुपये के कारोबार में तब्दील हो चुका है। दुनिया भर के 22 देशों में अपना प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर रहे हैं। माय नेशन हिंदी से उन्होंने अपनी जर्नी शेयर की। आइए उसके बारे में जानते हैं।
बिजली की प्रॉब्लम हल करने को आविष्कार
डूंगर सिंह सोढ़ा के गांव में अक्सर बिजली गुल हो जाती थी, जो कई दिनों तक नहीं आती थी। यह देखकर बचपन में ही उनके जेहन में बिजली की समस्या हल करने के लिए कुछ करने का विचार आया। गुजरात के सूरत में पढ़ाई के बाद नौकरी भी की। दूसरी तरफ उनका दिमाग बिजली की समस्या हल करने के इनोवेशन में भी लगा था। जॉब के उतार-चढ़ाव झेलते हुए उन्होंने खुद का काम शुरु करने फैसला किया और फिर अपने इनोवेशन को जमीन पर उतारने में लग गए। आखिरकार उनका विंडमिल का मॉडल सफल हुआ। Sunwind नाम से स्टार्टअप शुरू कर दिया।
20 यूनिट तक बिजली देती है पवन चक्की
डूंगर सिंह कहते हैं कि यह काम उन्होंने एक साल पहले मात्र 50,000 रुपये से शुरु किया था। काम शुरु करने के लिए उनके पास आफिस भी नहीं था। एक दोस्त ने उन्हें यूज करने के लिए आफिस दिया। उनकी पवन चक्की पोर्टेबल है। इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है। वह कहते हैं कि जहां भी हवा चलती है। यह पवन चक्की काम करती है। एक हॉर्स पावर के पवन चक्की की एक दिन में 20 यूनिट तक बिजली बनाने की कैपेसिटी है। जिसकी कीमत 50,000 रुपये है।
10 जनवरी को गुजरात सरकार से 50 करोड़ का एमओयू
दो दिन पहले 'वाइब्रेंट गुजरात समिट' में उन्होंने अपने प्रोडक्ट का प्रेजेंटेशन दिया है। 10 जनवरी को गुजरात सरकार के साथ 50 करोड़ का एमओयू साइन किया है। आलम यह है कि तमाम कंपनियां उन्हें प्रोडक्शन के लिए एडवांस पैसे भी देने को तैयार हैं। विंडमिल को आम आदमी से लेकर किसान तक यूज कर सकते हैं। यह प्रोडक्ट आर्मी के भी काम आ सकता है। डूंगर सिंह कहते हैं कि उन्होंने विशेषकर आर्मी को ध्यान में रखते हुए यह इनोवेशन किया था।
पोर्टेबल पवन चक्की लगाइए और बिजली पाइए
डूंगर सिंह ने पहले जुगाड़ से एक छोटी सी पवन चक्की बनाई थी। जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। विंडमिल को खेत या फार्म हाउस कहीं भी ले जाया जा सकता है। आकार में भी छोटी है। खास बात यह है कि इसे लगाने के थोड़ी देर बार ही बिजली प्राप्त की जा सकती है।