लाइब्रेरी, सीसीटीवी कैमरा, फ्री इंटरनेट...बागपत के फजलपुर गांव को डिजिटल बना रहे हैं सुधीर राजपूत

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Sep 4, 2023, 7:40 AM IST
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साफ्टवयेर डेवलपर सुधीर राजपूत का खुद का बिजनेस है, नोएडा में आफिस है। साल 2020 मे लॉकडाउन के समय बागपत स्थित अपने गांव गए। उसी समय ग्राम प्रधान के चुनाव हुए। सुधीर चुनाव में उतरें और विजयश्री मिली। अब फजलपुर ग्राम पंचायत को डिजिटल बनाने की मुहिम में जुटे हैं।

बागपत। साफ्टवयेर डेवलपर सुधीर राजपूत का खुद का बिजनेस है, नोएडा में आफिस है। साल 2020 मे लॉकडाउन के समय बागपत स्थित अपने गांव गए। उसी समय ग्राम प्रधान के चुनाव हुए। सुधीर चुनाव में उतरें और विजयश्री मिली। अब फजलपुर ग्राम पंचायत को डिजिटल बनाने की मुहिम में जुटे हैं। माई नेशन हिंदी से बात करते हुए सुधीर राजपूत कहते हैं कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए थोड़ा हटकर काम करने का प्लान था। बच्चों के लिए लाइब्रेरी बनाई। अपने खर्चे से 3 कम्प्यूटर लगाएं। गांव में कई जगह इंटरनेट के हॉट स्पॉट लगाए हैं। प्रमुख रास्तों पर कैमरे लगवाए हैं। गांव के लोगों की सुविधा के लिए हेल्प लाइन नम्बर जारी किया है। 

ग्रामीणों की सहूलियत के लिए हेल्प लाइन नम्बर

बागपत के बिनौली ब्लाक के फजल ग्राम पंचायत के ग्रामीणों की शिकायतों को निस्तारण के लिए जारी हेल्प लाइन नम्बर में कई विकल्प दिए गए हैं। कूड़ागाड़ी या सफाई कर्मचारी नहीं आने, सरकारी हैंडपम्प खराब होने, पेंशन-राशन कार्ड, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, आय-जाति और चरित्र प्रमाण पत्र से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। लेखपाल और ग्राम प्रधान से भी बात करने का विकल्प दिया गया है। जिले में पहली बार इस तरह की पहल शुरु की गई है।

रिकॉड होती है कॉल, पंचायत कर्मी को जिम्मेदारी

हेल्पलाइन डायल करने वाले शिकायतकर्ता को एक से लेकर 9 नम्बर तक विकल्प का चुनाव करना होता है। जिसके जरिए शिकायत सीधे कम्प्यूटर में दर्ज होती है और शिकायतकर्ता को एक टिकट नम्बर भी प्राप्त हो जाता है। जिसके जरिए शिकायत को ट्रैक किया जा सकता है। यह कॉल रिकॉर्ड भी होती है। पंचायत कर्मी को इसके निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

दोबारा शिकायत पर पूछी जा सकेगी वजह

सुधीर राजपूत कहते हैं कि हमने एक सीआरएम बनाया है। सीआरएम, शिकायत लॉक करके देगा। चार दिन बाद यदि वही शिकायत दोबारा आती है तो कर्मियों से पूछा जाएगा कि चार दिन पहले उसी मामले में हुई शिकायत पर क्या हुआ? कोशिश तो यह है कि लोगों को शिकायत करना ही न पड़े। मेरे पास भी यही रिपोर्ट रहेगी।

कूड़ा उठान के लिए ई-रिक्शा भी

करीबन चार हजार की आबादी वाले गांव में प्रधान सुधीर राजपूत ने लाइब्रेरी में बच्चों के मार्गदर्शन की भी व्यवस्था की है। पत्र, पत्रिकाएं और रोजगार समाचार भी लाइब्रेरी में आते हैं। सुधीर कहते हैं कि प्रधान बनने के महीने भर के अंदर 1.40 लाख रुपये निजी तौर पर खर्च करके ई-रिक्शा खरीदा ताकि कूड़े की उठान हो सके। लाइब्रेरी और स्कूल में कम्प्यूटर आदि की व्यवस्था में अपने निजी खर्च से 1.60 लाख रुपये खर्च किए हैं। फजलपुर को मॉडल ग्राम पंचायत का दर्जा भी दिया गया है।

ग्राम पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प

सुधीर कहते हैं कि ग्राम पंचायत की खाली जगहों पर दुकानें भी बना रहे हैं। ताकि उनसे कुछ रेंट आ सके और हमारे पंचायत की इनकम बढ़ सके। इस वर्ष 250 लीटर का एक बड़ा आरओ प्लांट लगाने की भी योजना है, जिसे पानी की जरुरत होगी। वह सिक्का डालकर पानी ले सकेगा। इससे पंचायत की इनकम शुरु हो जाएगी। हमें आत्मनिर्भर ग्राम पंचायत बनानी है। सुधीर राजपूत कहते हैंकि अपने निजी खर्चे से हरिजनों की चौपाल बनवा रहा हूॅं। यदि सरकारी फंड नहीं भी मिला तो अपने निजी खर्चे को गांव को डिजिटल बनाऊंगा। 

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