राजी अशोक उर्फ राजी अक्का चेन्नई की सड़कों पर पूरी जिम्मेदारी और फर्राटे के साथ ऑटो ड्राइविंग की नौकरी कर रही है। पिछले 25 साल से वह यह काम कर रही है उनकी उम्र 51 साल हो चुकी है। खास बात यह है की महिलाओं छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए राजी फ्री ऑटो सेवा देती हैं। आधी रात में वह कभी भी किसी को राइड के लिए मना नहीं करती हैं । उनका फोन नंबर सार्वजनिक है। किसी की डिलीवरी होना हो, किसी का एक्सीडेंट हुआ हो, किसी को एयरपोर्ट जाना हो, राजी किसी को मना नहीं करती। अपने ऑटो में वह फर्स्ट एड बॉक्स लेकर चलती हैं छोटे बच्चों के लिए तमाम बिस्किट और टॉफियों का इंतजाम रखती हैं।
चेन्नई। महिलाएं जो सिर्फ घर गृहस्थी संभालती थी अब आर्थिक रूप से भी परिवार को मजबूत करने लगी है। निम्न वर्ग हो या मध्यम वर्ग हर जगह महिलाएं सेल्फ इंडिपेंडेंट हो चुकी हैं, कोई भी कार्य क्षेत्र हो यह महिलाएं आपको हर जगह अपनी हिस्सेदारी देते हुए नजर आएंगी। ऐसी ही एक इंडिपेंडेंट वूमेन है राजी अशोक जिनकी उम्र 51 साल है। चेन्नई की सड़कों पर वह ऑटो रिक्शा चलाती हैं । पिछले 25 साल से ऑटो रिक्शा चला रही राजी अशोक (राजी अक्का) के नाम से मशहूर हैं। राजी ने माय नेशन हिंदी से अपनी जर्नी शेयर की
कौन है राजी अशोक
राजी अशोक केरल की एक ब्राह्मण फैमिली से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता कैटरिंग का काम करते थे। परिवार में उनकी 6 बहने और एक भाई है। राजी ने फिलासफी में बीए किया थे। पढ़ाई के दौरान उन्हें गांव के ऑटो ड्राइवर अशोक से प्यार हो गया। 1992 में राजी की शादी अशोक से हो गई और वह कोयंबटूर शिफ्ट हो गई।
ट्रैवल एजेंसी में काम करती थी राजी
शादी के बाद राजी ने कोयम्बटूर की एक ट्रैवल एजेंसी में काम करना शुरू कर दिया। 1994 में उनके बेटी का जन्म हुआ जिसने Bcom किया है। 1998 में उनके बेटे का जन्म हुआ जिसने MBA किया है और एक अस्पताल में अकाउंटेंट का काम कर रहा है। राजी की बेटी की शादी हो चुकी है। राजी अपने बच्चों और पति के साथ सुकून की जिंदगी गुज़ार रही थी लेकिन तभी एक ऐसा हादसा हुआ जब राजी को अपने परिवार के साथ कोयंबटूर छोड़ना पड़ा।
कोयंबटूर बम ब्लास्ट ने बदली जिंदगी
1998 में कोयंबटूर में बम ब्लास्ट हुआ। इस बम ब्लास्ट में 60 लोगों की जान चली गई थी। सैकड़ो लोगों की जिंदगी पर असर हुआ था जिन में राजी और उनके पति भी थे। जिंदगी संघर्ष का नाम है यह सोचकर राजी परिवार के साथ चेन्नई शिफ्ट हो गई। जिंदगी को एक बार फिर से नए तरीके से शुरू करना था। बच्चों को पालना था, उनका स्कूल भेजना था, लिहाजा राजी ने जगह-जगह इंटरव्यू देना शुरू किया लेकिन उनकी एजुकेशन काम नहीं आई। हर जगह उन्हें नाकामयाबी मिलती रही और फिर अपने पति से बात करके उन्होंने फैसला किया कि वह ऑटो चलाएंगी।
परिवार और पति के मिला पूरा समर्थन
कोयंबटूर में राजी ने ऑटो ड्राइविंग का लाइसेंस बनवाया था जो चेन्नई में उनके काम आने वाला था। एक नया शहर जहां की सड़क और गालियां उनके लिए बिल्कुल नई थी, वहां पर खुद को स्थापित करना था। कोयंबटूर एक शांत जगह थी जबकि चेन्नई का ट्रैफिक शोरगुल वाला। ऐसे में ऑटो चलाते हुए चेन्नई में राजी का पहला दिन तकलीफ भरा गुजरा। धीरे-धीरे इन सड़कों की आदत हो गई। भीड़ में किस तरह ऑटो चलाना है कैसे टैकल करना है राजी इन सब में एक्सपर्ट हो चुकी थी। उनके फैसले में उनके परिवार और उनके पति ने बहुत साथ दिया। चेन्नई में राजी ( राजी अक्का) के नाम से मशहूर हो गईं। माय नेशन से बात करते हुए राजी ने बताया ऑटो चलते हुए मेरी सिल्वर जुबली होने वाली है, मेरी जिंदगी में भी उतने ही ब्रेकर्स आए जितने मुझे ऑटो चलाते हुए मिलते हैं लेकिन यह सफर शानदार था।
छोटे बच्चे,बुजुर्ग और गरीबों के लिए फ्री नाइट राइड देती हैं राजी
छोटे बच्चे, बुजुर्ग महिलाओं और गरीबों के लिए राजी फ्री ऑटो सेवा देती हैं। उनका फोन नंबर सार्वजनिक है किसी भी समय किसी भी मुश्किल में कोई भी महिला उन्हें कॉल करती है तो राजी समय नहीं देखती। राजी कहती हैं आधी रात में कोई महिला अगर कभी कॉल करती है तो मैं उसकी कॉल को इग्नोर नहीं करती भले ही मेरी शिफ्ट पूरी हो गई हो। चेन्नई एयरपोर्ट जाने के लिए बहुत सारी महिलाओं की कॉल आती है रात में 9:00 बजे के बाद जिसे मैं कभी इंकार नहीं करती। इस बारे में राजी एक घटना को रिकॉल करते हुए बताती हैं की कई साल पहले ऑटो रिक्शा चलाने के दौरान उन्होंने देखा कि एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर रात के वक्त नशे में डूबा हुआ था और इस स्थिति में वह एक महिला को उसके गंतव्य तक छोड़ने जा रहा था। इस घटना को देखकर राजी ने तय किया की महिलाओं को वह किसी भी समय उनके गंतव्य तक जरूर पहुंचाएंगी। वह चाहे दिन हो या रात हो।हर रोज वह कम से कम 30 ट्रिप पूरी करती हैं।
फर्स्ट एड किट से लेकर खाने तक का सामान मौजूद रहता है राजी के ऑटो में
राजी के ऑटो में फर्स्ट एड का सारा सामान रहता है । इमरजेंसी के लिए पेरासिटामोल, कॉटन बड्स, बैंडेज सर्जिकल पैड्स के साथ-साथ पानी की बोतल बिस्कुट वगैरा भी मौजूद रहते हैं । यह सब कुछ राजी अपने ग्राहकों के लिए रखते हैं ताकि अगर यात्रा के दौरान किसी को प्यास लगे भूख लगे या कोई हादसा हो जाए तो उन्हें कहीं भागना पड़े। महीने में वह 38 से 40000 बहुत आसानी से कमा लेती हैं।
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