Inspirational Story: "अगर मैंने इस यात्रा से एक चीज़ सीखी है, तो वह यह है कि UPSC संतुलन के बारे में है। ज्ञान, रणनीति और मानसिकता - सबकुछ मायने रखता है। आपको धैर्य रखना होगा, लेकिन स्मार्ट अप्रोच भी जरूरी है।" - IPS ऋषभ भट्ट। ये वाक्य ही IPS ऋषभ भट्ट की सक्सेज की राह तय करते हैं। यूपीएससी की यह यात्रा केवल एक परीक्षा पास करने की कहानी नहीं है, बल्कि संघर्ष, असफलता, धैर्य और दृढ़ निश्चय की मिसाल भी है। देश की इस सबसे बड़ी परीक्षा में सफल होने के लिए उन्होंने प्लान B को एक विकर्षण माना और पूरी तरह से प्लान A1 पर फोकस किया।
गांव से IPS बनने तक का सफर
वाराणसी के पास भदोही जिले के छोटे से गाँव से आने वाले ऋषभ बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखते थे। उनके माता-पिता अक्सर उन्हें जिला अधिकारियों के काफिले दिखाते और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताते थे, जिसने उनके मन में प्रशासनिक सेवाओं के लिए एक गहरी प्रेरणा पैदा की।
आईपीएस ऋषभ भट्ट के पिता प्राइवेट स्कूल में थे टीचर
उनके पिता एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक थे और उन्होंने हमेशा शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। ऋषभ की पढ़ाई शुरू से ही शानदार रही और उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए भोपाल के मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) में दाखिला लिया। लेकिन उनका असली सपना UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करके एक प्रशासनिक अधिकारी बनना था।
UPSC की कठिन राह और शुरुआती असफलताएं
UPSC की परीक्षा इतनी आसान नहीं थी। पहले दो प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर सके। ऋषभ भट्ट कहते हैं "मैं बहुत आत्मविश्वासी था और सोचता था कि ज्ञान ही काफी होगा। लेकिन UPSC के लिए स्मार्ट रणनीति और परीक्षा पैटर्न को समझना भी उतना ही ज़रूरी है।" अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने अपने दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदला और UPSC परीक्षा पैटर्न को गहराई से समझा।
ऋषभ भट्ट की UPSC रणनीति: सफलता की चाभी
यह भी पढ़ें... Inspiring Story: बेटी की खातिर छोड़ी नौकरी, शुरू किया स्टार्टअप, जानें कैसे बिजिनेस वुमेन बनी एक शिक्षिका
सेल्फ-स्टडी और प्लान B को न अपनाने का निर्णय
COVID-19 महामारी के कारण ऋषभ किसी कोचिंग संस्थान में शामिल नहीं हो सके। लेकिन उन्होंने इसे एक मौका माना और स्व-अध्ययन पर फोकस किया। उनका कहना है कि "अगर आप जल्दी ही प्लान B के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं, तो यह आपका ध्यान कमजोर कर सकता है।" ऋषभ ने प्लान B के बजाय प्लान A1 चुना – यानी राज्य PCS परीक्षा जैसे वैकल्पिक विकल्प, जो प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े थे।
तीसरे प्रयास में IPS बनने का सपना हुआ पूरा
2024 में, अपने तीसरे प्रयास में ऋषभ ने UPSC परीक्षा में AIR 363 प्राप्त किया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में सेलेक्ट हुए। अब, एक IPS अधिकारी के रूप में, ऋषभ प्रशासनिक सेवा में बड़ा बदलाव लाने का सपना देखते हैं।
UPSC के लिए ऋषभ भट्ट की सीख - महत्वपूर्ण टिप्स
समर्पित लक्ष्य के साथ सही रणनीति दिलाएगी सफलता: IPS ऋषभ भट्ट
IPS ऋषभ भट्ट की कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि धैर्य, संघर्ष और सही रणनीति की कहानी है। यह उन सभी यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। IPS ऋषभ भट्ट के अनुसार "अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और सही रणनीति अपनाते हैं, तो सफलता निश्चित है।"
यह भी पढ़े...Success Story: कभी स्कूल तक पहुंचना था मुश्किल, अब लंदन में पढ़ाई! कैसे बदली गांव की आदिवासी लड़की की किस्मत?