JEE Advanced Topper 2024: जुनून ऐसा कि स्कूल में टीचर्स से पूछते-क्यों कम आए नंबर? अब JEE एडवांस में 1st रैंक

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Jun 09, 2024, 02:57 PM IST
JEE Advanced Topper 2024: जुनून ऐसा कि स्कूल में टीचर्स से पूछते-क्यों कम आए नंबर? अब JEE एडवांस में 1st रैंक

सार

जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE Advanced Topper 2024) में इंदौर के रहने वाले वेद लाहोटी ने देश में पहली रैंक (AIR-1) हासिल की है। उन्हें 360 में से 355 यानी 98.61 फीसदी अंक मिले हैं।

नई दिल्ली। जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE Advanced Topper 2024) में इंदौर के रहने वाले वेद लाहोटी ने देश में पहली रैंक (AIR-1) हासिल की है। उन्हें 360 में से 355 यानी 98.61 फीसदी अंक मिले हैं। 10वीं में 98.6 फीसदी और 12वीं क्लास में भी 97.6 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। जेईई-मेन 2024 में 300 में से 295 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया 119 रैंक पाई थी। अब जेईई एडवांस्ड एग्जाम टॉप कर इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास की ओर से जेईई एडवांस 2024 का रिजल्ट घोषित किया गया है।

जेईई एडवांस में रिकॉर्ड तोड़ने की जिद

वेद लाहोटी ने जेईई एडवांस में रिकॉर्ड तोड़ने का दृढ़ निश्चय कर रखा था। अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। बचपन से ही पढ़ाई को लेकर जुनूनी हैं। स्कूल में यदि किसी विषय में कम नंबर आते थे तो अपने नाना के साथ स्कूल पहुंचकर टीचर्स से सवाल करते थे कि उनके कम नंबर क्यों आएं? यही जुनून जेईई एडवांस एग्जाम में तब काम आया, जब दो सवाल गलत हुए तो उसको लेकर भी वेद एक्टिव हुए और चैलेंज कर पूछा कि दो सवाल गलत कैसे हुए? वेद के पिता योगेश लाहोटी रिलायंस जीओ में कंस्ट्रक्शन मैनेजर और मां जया हाउस वाइफ हैं। नाना आरसी सोमानी सेवानिवृत्त इंजीनियर हैं।

प्रतिभाशाली बच्चों से आगे बढ़ने की प्रेरणा

मीडिया से बात करते हुए वेद लाहोटी कहते हैं कि जेईई मेंस में एक सवाल गलत हो गया था। उसकी वजह से उनकी रैंक नीचे चली गई थी। पर एडवांस्ड एग्जाम के लिए कड़ी मेहनत की। जेईई एग्जाम की प्रिपरेशन के लिए उन्होंने कोटा चुना। उनका मानना है कि यहां देश भर से प्रतिभाशाली बच्चे तैयारी के लिए आते हैं। उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

एआई पर रिसर्च करना चाहते हैं वेद

वेद का लक्ष्य आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर देश के लिए कुछ खास करने का है। सीएस के क्षेत्र में एक्टिव रहने के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी रिसर्च करना चाहते हैं। उनके पिता योगेश कहते हैं कि वेद के साथ पढ़ने वाले छात्रों का स्तर एक सा था। दोस्तों के बीच ही प्रतिस्पर्धा थी। 

बड़ा होना चाहिए लक्ष्य

वेद कहते हैं कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। लक्ष्य बड़ा होना चाहिए। एक बार ठान लेने पर सब संभव हो जाता है। टारगेट के अनुसार मेहनत भी करनी होती है। ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। वेद लाहोटी नये विषयों को जानने में इंटरेस्ट रखते हैं। हमेशा कुछ न कुछ पढ़ते रहते हैं। टीचर्स के गाइडेंस के अनुसार, पढ़ाई करते हैं।

पालने में ही दिखने लगे थे पूत के पांव

कम उम्र में ही वेद लाहोटी का टैलेंट निखरकर सामने आने लगा था। 5वीं और 6वीं क्लास में आईएमओ इंटरनेशनल रैंकिंग में दूसरी रैंक हासिल की थी। 8वीं क्लास में इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड में गोल्ड मेडल झटका। आईआईटी कानपुर की टेककृति-2020-21 में पहली रैंक हासिल की।

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