नयी दिल्‍ली। दिल्ली के मनीष यादव सिविल सर्विस एग्जाम (Civil Services Exam) की तैयारी में जुटे थे। कोरोना महामारी में प्रभावित हुए। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में बाधा आई। एक दोस्त के सुझाव पर दिल्ली में 15 x 15 फीट के कमरे से मशरूम की खेती शुरू कर दी। शुरूआती फसल से 2.5 लाख रुपये कमाए। अब सालाना करीबन 40 हजार किलोग्राम बटन मशरूम का उत्पादन करते हैं। 5 लाख रुपये महीने की इनकम है। खास है कि यह काम उन्होंने एमबीए (MBA) करने के बाद शुरू किया। श्री श्याम मशरूम फॉर्म के नाम से एक एग्री बिजनेस खड़ा कर दिया।

दोस्त ने कहा-दूसरा काम करने की करें कोशिश

दरअसल, कोरोना महामारी का जब मनीष की सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी पर असर पड़ा तो दोस्त ने उनसे कहा कि दूसरा काम भी करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने भविष्य में नौकरी मिलने की संभावना को टटोला और फिर अपने दोस्त की सलाह पर एक कमरे से मशरूम की खेती शुरू कर दी। वह दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के कंगन हेरी गांव के रहने वाले हैं। 

एमबीए की डिग्री आई काम

एक तरफ पहले से ही मनीष का परिवार सब्जियों और अनाज की खेती करता था। दूसरे उनका घर आजादपुर मंडी से करीब था, जो एशिया की फल और सब्जियों की सबसे बड़ी थोक मंडी के रूप में जानी जाती है। डेली लगभग 5 हजार ट्रक मंडी में उपज लेकर आते हैं। उन्होंने एमबीए की डिग्री भी ली थी। इसलिए उन्हें अपनी मार्केटिंग स्किल पर यकीन था। परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मनीष ने मशरूम की खेती शुरू कर दी।

40,000 रुपये की लागत से शुरू किया काम

सोनीपत से 90 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से 50 किलो मशरूम के बीज खरीदें और 8 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 5 हजार किलोग्राम खाद। कुल मिलाकर शुरूआती दिनों में 40 हजार रुपये की लागत से एक कमरे में मशरूम के बीज के 2 बेड सहित 500 बैग लगाएं। कुछ ही महीनों में नतीजा लाभकारी निकला। 1,000 किलोग्राम मशरूम की उपज हुई। सर्दियों में मशरूम का रेट 100 रुपये प्रति किलो तक हो जाता है। पर गर्मियों में 450 रुपये किलोग्राम तक बिकती है। 

तीन कमरों में 40,000 किलो मशरूम का उत्पादन

बहरहाल, मनीष ने अपने एग्री बिजनेस को आगे बढ़ाया। अब 1470 वर्ग फीट जगह पर मशरूम उगाते हैं। सालाना 60 लाख रुपये की कमाई होती है। तीन कमरों में मशरूम की सालाना लगभग 40,000 किलो उपज होती है। पिछले महीने उन्होंने बटन मशरूम 450 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बेचे। आपको बता दें कि मशरूम के हर बैग से करीबन 2 किलो मशरूम का उत्पादन होता है। इस तरह 500 वर्ग फीट के एक कमरे से 2600 किलो तक मशरूम की उपज होती है। 

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