पीरियड में कपड़े अलग धोना, मंदिर में एंट्री बैन, अचार खाने पर पाबंदी-मिथ तोड़कर आदिति गुप्ता बन गई पीरियड गर्ल

By Kavish Aziz  |  First Published Jul 30, 2023, 3:16 PM IST

झारखंड की अदिति गुप्ता को पीरियड के दौरान होने वाली टोका टोकी बिलकुल पसंद नहीं थी। पीरियड्स को लेकर फैले मिथ को अदिति तोडना चाहती थी थीं। अदिति ने तय किया की वो मेंस्ट्रूपीडिया कॉमिक के ज़रिये लोगों को जागरूक करेंगी।आज मेंस्ट्रूपीडिया कॉमिक दुनिया भर में पॉपुलर है, और 17  से ज़्यादा भाषाओँ में उपलब्ध है।  

motivational story of menstrupedia comic founder aditi gupta ZKAMN

झारखंड. आदिति गुप्ता ने पीरियड्स के दौरान वह सारे कायदे कानून फ़ॉलो किये  जो परिवार में बताया जाता है।  किसी के बिस्तर पर नहीं बैठ सकते,  पूजा घर में नहीं जा सकते।अचार नहीं खा सकते वगैरह -वगैरह। अदिति को यह टैबू  पसंद नहीं था और इसे तोड़ने के लिए उन्होंने मेंस्ट्रुपीडिया कॉमिक बना दिया । माय नेशन हिंदी से अदिति ने अपने विचार साझा किए..


कौन है अदिती

झारखंड के गढ़वा में एक साधारण परिवार में अदिति का जन्म हुआ। हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी आगरा से अदिति ने इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन किया और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद से न्यू मीडिया डिजाइन में पोस्ट ग्रेजुएट किया। उनके पिता एडवोकेट है जबकि मां हिंदी की प्रोफ़ेसर है। उनका परिवार गढ़वा के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे परिवारों में से एक था । उनके पिता की पहली प्राथमिकता अपने बच्चों को एजुकेटेड बनाना था। अदिति का भाई और भाभी भी एडवोकेट है। बीबीसी की भारत की सौ दमदार औरतों में अदिति का नाम दर्ज है, फोर्ब्स इंडिया अंडर 30 साल 2014 में उनका नाम है।  

पहली बार सर्जरी के दौरान पता चला पीरियड के बारे में

अदिति कहती है कि 12 साल की उम्र में उनका एक्सीडेंट हुआ जिसमें उन्हें काफी समय तक बेड पर रहना पड़ा इस दौरान वो वाशरूम भी नहीं जा सकती थी इसलिए उनके माता-पिता ही उनका सब कुछ करते थे।  सर्जरी के दौरान डॉक्टर ने यूरिनरी ट्रैक्ट के पास एक कैप्टर लगाया था, जिसमें 1 दिन खून आ गया उनकी मां को लगा की अदिति को पीरियड स्टार्ट हो गए हैं और तब अदिति को पहली बार पीरियड के बारे में उनकी मां ने बताया।

motivational story of menstrupedia comic founder aditi gupta ZKAMN


12 साल में आया पहली बार पीरियड

अदिति  को 12 साल की उम्र में पहली बार पीरियड शुरू हुआ।  उन्हें भी वही सारे नियम कानून फॉलो करना पड़ा जो मिडिल क्लास फैमिली के बच्चों को करना पड़ता है।  उनकी मां उन्हें  किसी के बिस्तर पर नहीं बैठने देती थी 7 दिन के बाद ही वह नहा सकती थी, पूजा घर में जाने की अनुमति नहीं थी, अचार नहीं खा सकती थी, अपने कपड़े अलग से धोने पड़ते थे और अलग सुखाने पड़ते थे, यहां तक की पीरियड के दौरान इस्तेमाल की गई चादर उन्हें खुद धोना पड़ता था चाहे उस पर दाग लगा हो या नहीं।

12वीं क्लास के बाद पहली बार देखा सैनिटरी पैड

12वीं के बाद जब अदिती कॉलेज पहुंची तो उन्होंने पहली बार सैनिटरी पैड का इस्तेमाल किया। अदिति जिस परिवार से आती है वहां आराम से सेनेटरी पैड को अफोर्ड किया जा सकता था लेकिन झिझक और शर्म से कोई लेने नहीं जाता था इसलिए उनके घर में पुराने कपड़े माहवारी के दौरान इस्तेमाल किए जाते थे। कॉलेज पहुंच कर अदिति  ने पहली बार पीरियड पर ओपन डिस्कशन किया साइंस की  स्टूडेंट होने के बाद भी 12वीं तक उन्होंने पीरियड के बारे में कुछ नहीं पढ़ा।


और इस तरह आया मेंस्ट्रुपीडिया कॉमिक्स का आईडिया

एनआईडी में अदिति की पहली बार मुलाकात उनके हस्बैंड तुहिन पाल से हुई थी, तुहिन को पीरियड्स के बारे में पता था लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं थी जब अदिति ने पीरियड के दौरान के एक्सपीरियंस को शेयर किया तब तुहिन ने पीरियड पर रिसर्च करना शुरू किया। और फिर यह तय हुआ की तुहिन और अदिति का अगला प्रोजेक्ट पीरियड होगा। तमाम  रिसर्च करने पर यह पता चला पीरियड होने पर मां बाप अपने बच्चों से बात करने में झिझकते है, टीचर्स बताने में झिझकते हैं। यहीं से अदिति को मेंस्ट्रुपीडिया कॉमिक्स के बारे में आइडिया आया। 1 साल तक रिसर्च किया जिसमें अलग-अलग लोगों से मिली उनके विचार समझे, और फिर उन्होंने तय किया कॉमिक बुक ऐसी होगी कि कोई भी लड़की उसे किसी के सामने पढ़ने में असहज ना हो। 

 

कॉमिक में हैं  चार  कैरेक्टर

अदिति ने कॉमिक में 4 करेक्टर रखें प्रिया, पिंकी, जिया और मीरा, इन चारों कैरेक्टर के जरिए बताया गया की पीरियड में क्या करना चाहिए, पैड कब चेंज करना, कैसे एक्सरसाइज करना चाहिए, यूटीआई से कैसे बच सकते है, कौन सी दवा ले सकते हैं। जब सब कुछ हो गया तो अदिति ने एक वेबसाइट बनाई और वहां क्वेश्चन आंसर फोरम खोल दिया, यहां सवाल जवाब की झड़ी लग गई और प्रोजेक्ट पॉपुलर हो गया जिसके बाद अदिति लोगों के बीच कॉमिक लेकर आईं।


फंड की हुई परेशानी

कॉमिक बुक के लिए फंड इकट्ठा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गई, क्यूंकि इन्वेस्टर्स को लगता था ये टॉपिक चलेगा नहीं।  2012 में यह प्रोजेक्ट कंप्लीट होने के बाद 2013 में अदिति ने क्राउडफंडिंग शुरू किया और 5 लाख का टारगेट रखा, फंड 5 लाख से ज्यादा इकट्ठा हो गया। मेंस्ट्रुपीडिया कॉमिक’ आज देश की हर भाषा में उपलब्ध है। इसके अलावा दुनिया की 17 भाषाओं में भी मौजूद है। हमारे देश की बात करें तो 25 हजार स्कूलों में इसे पढ़ाया जाता है।


 

गुड टच बैड टच को लेकर भी बनाई कॉमिक

अदिति ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं अपने बच्चों को डेडिकेट करते हुए उन्होंने 'आदि एंड अक्कू' किताब लिखी जिसमें गुड टच बैड टच के बारे में बताया गया है यह किताब सिर्फ अंग्रेजी भाषा में है लड़कों के लिए उन्होंने 'गोलू' नाम की किताब लिखी है जिसमें बॉयज प्यूबर्टी के बारे में बताया गया है।

ये भी पढ़ें 

मेरा पैर ट्रेन की कैंची में फंसा था, मैं अपना हाथ पैर कटते देख रहा था- मगर वो बच गयी...

vuukle one pixel image
click me!
vuukle one pixel image vuukle one pixel image