सिगरेट-तंबाकू सेलर की बेटी मॉडलिंग वर्ल्‍ड में चमकी, सुसाइड अटेम्पट-4 साल डिनर नहीं, ऐसी नायरा आहूजा की कहानी

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Aug 27, 2024, 3:23 PM IST
Highlights

तंबाकू सेलर की बेटी नायरा आहूजा की प्रेरणादायक कहानी, जिन्होंने संघर्षों और असफलताओं को पार कर मॉडलिंग की दुनिया में सफलता पाई। जानें उनके संघर्ष की कहानी।

राजस्थान के एक छोटे से गांव चित्तौड़गढ़ में जन्मी नायरा आहूजा के पिता परिवार का पेट पालने के लिए टू-व्हीलर पर तंबाकू और सिगरेट बेचते थे। 65 साल की उम्र तक स्ट्रगल किया। नायरा ने मुश्किलों के बीच पढ़ाई की। मुंबई में कॉल सेंटर की जॉब की। मॉडलिंग की दुनिया में खुद को स्थापित करने के लिए जी जान लगा दिया। असफलताओं के बोझ तले इतनी दबी हुई थीं कि कई बार खुद की जान लेने की कोशिश की। 4 साल तक डिनर नहीं किया। अब एक सक्सेसफुल मॉडल हैं। वेब सीरिज के लिए भी काम कर चुकी हैं। आइए जानते हैं उनके संघर्षों की कहानी।

बचपन में अज्ञात बीमारी

नायरा बचपन से ही एक अज्ञात बीमारी से जूझ रही थीं। गांव में मेडिकल फेसिलिटी की कमी थी। बार-बार सेहत खराब होने की वजह से भी परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बीमारी की वजह से बचपन में चिड़चिड़ी हो गईं। एक एनजीओ की मदद से 11वीं और 12वीं पास की। पर उनका सपना एक सफल मॉडल बनने का था। वह जब भी अपने आसपास के लोगों से इस बारे में बात करतीं तो लोग यह कहकर उन्हें चुप करा देते थे कि मॉडलिंग करना अच्छा काम नहीं है। 

कॉल सेंटर से जॉब की शुरुआत

सिविल इंजीनियरिंग करना चाहा। पर उनके ग्रेड इतने कम आए थे कि कहीं एडमिशन ही नहीं मिला। अब वह समझ चुकी थीं कि सिर्फ मॉडलिंग ही उनका एक मात्र कॅरियर है। हालांकि रिलेटिव और परिवार हमेशा इसका विरोध करते थे। भोपाल में काम करके कुछ पैसे इकट्ठे किए और फिर मुंबई में कदम रखा। एक कॉल सेंटर में जॉब मिली। पर उससे संतुष्ट नहीं थी। नौकरी छोड़कर मुंबई में मॉडलिंग का कॅरियर शुरू किया।

बिना डिनर के क्यों रहीं 4 साल?

वह कहती हैं कि मुंबई की जिंदगी जितनी अट्रैक्टिव दिखती है, उतनी ही कठिन भी है। शुरुआती चार साल मैंने डिनर करना ही छोड़ दिया था, सिर्फ़ इसलिए कि मुझे अपने शरीर को फिट रखना था। मॉडलिंग में वो वक्त ऐसा था जब "लीन फिगर" का बहुत दबाव था। मैंने खुद को भूखा रखा, और दिन-रात सिर्फ़ ट्रेडमिल पर दौड़ती रहती थी। कभी-कभी तो ऐसा लगता था कि क्या ये सब सही है? लेकिन जब मैंने खुद को ग्लैमर इंडस्ट्री में देखा, तो लगा कि ये सब सही कर रही हूं।

पिता के स्ट्रगल ने प्रेरित किया

उन्हें पिता के स्ट्रगल ने प्रेरित किया। पिता 60 साल की उम्र में भी सिगरेट और तंबाकू बेचते थे। दो बैग्स लेकर टू-व्हीलर पर सड़कों पर निकल जाते थे। उनका संघर्ष नायरा को प्रेरित करता रहा। उन्होंने बॉलीवुड में आर्ट डायरेक्शन और क्रिएटिव असिस्टेंट का काम भी किया। रवीना टंडन और संजय दत्त जैसे बड़े सितारों के साथ काम कर रही थी। लेकिन इसके बावजूद, आर्थिक समस्या ने पीछा नहीं छोड़ा। पेपर में अमाउंट लिखे होते थे, लेकिन वो पैसे उनकी जेब में नहीं आते थे और उन पैसों के इंतजार में वह डिप्रेशन में जा रही थीं।

डिप्रेशन और आर्थिक तंगी झेली, सुसाइट अटेम्पट भी

वह कहती हैं कि मॉडलिंग में खुद को स्थापित करने के बाद भी फाइनेंशियल क्राइसिस एक बड़ी समस्या थी। बहुत से प्रोजेक्ट्स किए, लेकिन पेमेंट समय पर नहीं मिला। एक वक्त ऐसा आया जब मेरे पास सिर्फ़ 15000 रुपये ही बचे थे। न तो किराया देने के पैसे थे और न ही खाने के। ये वो समय था जब मैंने अपने आप को एक लूजर समझा, और कई बार सुसाइड करने की भी कोशिश की। फिर भाई ने बेंगलुरु बुलाया और वहां बिजनेस शुरू करने का सुझाव दिया। 

नाम बदलने से मिली नई पहचान

यह समय ऐसा था। जब नायरा को लगा कि अब उनका सब कुछ खत्म हो चुका है। फिर नयी शुरूआत करनी है। तब उन्होंने सोचा कि क्यों न मॉडलिंग से जुड़ी अपनी पहचान ही मिटा दूं और नाम 'भावना' से बदलकर 'नायरा' कर लिया। इस नाम के साथ उनकी किस्मत भी बदल गई। अचानक से एक नए शो का ऑडिशन मिला और सिलेक्शन हो गया। वह कहती हैं कि ऐसा लगा कि शायद मेरा नया नाम ही मेरी नई पहचान बना। Roadies, Splitsvilla जैसे shows में auditions के लिए कॉल आई और उनका सेलेक्शन भी हुआ। अब नायरा आहूजा एक सक्सेसफुल मॉडल हैं।

ये भी पढें-अपनी पहली जॉब कैसे हासिल करें फ्रेशर्स? ₹500 से ₹5000 करोड़ का सफर तय करने वाले डॉ. वेलुमणि से जानें...

click me!