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छोड़ दी प्राइवेट नौकरी, चुना UPSC का कठिन रास्ता, कैसे IAS बनी अनामिका रमेश?

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Oct 05, 2024, 11:06 AM IST
छोड़ दी प्राइवेट नौकरी, चुना UPSC का कठिन रास्ता, कैसे IAS बनी अनामिका रमेश?

सार

अनामिका रमेश ने NIT से B.Tech, IIM से MBA, प्राइवेट नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी की कठिन राह चुनी और चौथे प्रयास में बनीं IAS अधिकारी। जानें कैसे?

IAS Success Story: एजूकेटेड परिवार में जन्मी अनामिका रमेश के पिता रमेश चंद मीना IAS अधिकारी हैं। अनामिका अपनी फेमिली बैकग्राउंड से इतनी इंस्पायर थीं कि आईआईएम से एमबीए करने के बाद अच्छी खासी जॉब छोड़ दी और यूपीएससी प्रिपरेशन का कठिन रास्ता चुना। यूपीएससी 2019 में 116वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनीं। 

NIT और IIM से पढ़ाई

अनामिका ने अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद हॉयर एजूकेशन के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों का रुख किया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) तिरुचि से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में B.Tech की डिग्री हासिल की। B.Tech के बाद, उन्होंने IIM अहमदाबाद से MBA की पढ़ाई की। प्रबंधन और नेतृत्व कौशल में महारत हासिल करना उनके लिए फायदेमंद रहा, जो अब प्रशासनिक सेवाओं में काम आ रहा है।

MBA के बाद प्राइवेट जॉब

MBA के बाद अनामिका ने एक प्राइवेट कंपनी में सेल्स मार्केटिंग इंटर्न के रूप में काम किया। इसके बाद EY (अर्न्स्ट एंड यंग) में ट्रांजेक्शन एडवाइजरी सर्विस में बतौर एसोसिएट काम किया। हालांकि, निजी क्षेत्र में काम करते हुए उन्होंने महसूस किया कि वह समाज पर उस तरह से सकारात्मक प्रभाव नहीं डाल पा रही हैं जैसा वह चाहती थीं। इसी विचार ने उन्हें सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रेरित किया।

2017 में नौकरी छोड़ यूपीएससी प्रिपरेशन में जुटीं

प्राइवेट सेक्टर में कुछ साल काम करने के बाद अनामिका ने UPSC की तैयारी के लिए 2017 में दिल्ली का रूख किया। कई कोचिंग से गाइडेंस लिया और खुद को यूपीएससी प्रिपरेशन में झोंक दिया। यह समय उनके लिए चैलेंजिंग था, क्योंकि इस एग्जाम में मानसिक और शारीरिक दोनों लेवल पर धैर्य की जरूरत होती है।

पिता ने तीसरे प्रयास और अनामिका ने चौथे प्रयास में क्रैक की यूपीएससी

UPSC की यात्रा अनामिका के लिए आसान नहीं रही। उनके पिता ने तीसरे प्रयास में सफलता पाई थी, और अनामिका ने चौथे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 116 प्राप्त की। यह सफलता उनके लिए किसी सपने के साकार होने जैसा था। वह कहती हैं कि यूपीएससी प्रिपरेशन की प्रॉसेस कठिन है। पर यदि धैर्य से काम लिया जाए और लगातार प्रयास किया जाए तो सफलता मिलनी निश्चित है। उनके पिता ने आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन किया था। मौजूदा समय में वह तमिलनाडु के खेल विकास प्राधिकरण (एसडीएटीएन) के सदस्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं।

चेंगलपट्टू में एडिशनल कलेक्टर हैं अनामिका

अनामिका की पहली पोस्टिंग तमिलनाडु के चेय्यार में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई। फिर नीति आयोग में असिस्टेंट सेक्रेटरी के रूप में काम किया। चुनाव आयोग में नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर रहीं। वर्तमान में, चेंगलपट्टू में एडिशनल कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। 

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