Success Story: आजकल यूथ ट्रेडिशनल जॉब्स से हटकर नए बिजनेस की तरफ फोकस कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के अरुण शर्मा ऐसे ही युवा हैं, जिन्होंने एमबीए के बाद नौकरी करने की बजाय मशरूम की खेती का रास्ता चुना। आज वे इस खेती से 90 लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं। आइए जानते हैं कि कैसे अरुण ने मशरूम की खेती को अपना करियर बनाया और सफलता की ऊंचाइयों को छुआ।

एमबीए करने के बाद एनजीओ से जुड़े

अरुण शर्मा का जन्म जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा कठुआ में ही हुई। एमबीए की डिग्री हासिल की। हालांकि, उन्होंने इसका यूज कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी करने के लिए नहीं किया, बल्कि अपने गृहनगर में रहकर कुछ नया करने का फैसला लिया। वे एक एनजीओ से जुड़ गए, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रही थी। इसी बीच, उन्हें सरकारी योजना के तहत महिलाओं के लिए आयोजित बटन मशरूम की खेती का एक ट्रेनिंग प्रोग्राम देखने का मौका मिला। यहीं से उनके मन में मशरूम की खेती करने का विचार आया।

न पूंजी, न बड़ी जगह, 9000 रुपये से पहली बार मशरूम खेती

अरुण ने मशरूम की खेती की शुरुआत अपने घर के एक छोटे से कमरे से की। उनके पास न तो ज्यादा पूंजी थी और न ही बड़ी जगह, लेकिन उन्होंने अपने सीमित संसाधनों का बेहतर उपयोग किया। शुरुआत में उन्होंने सिर्फ 100 मशरूम बैग खरीदे, जिन पर कुल खर्च 9000 रुपये हुआ। यह उनके लिए एक टेस्टिंग फेज की तरह था, जिससे वे देखना चाहते थे कि यह बिजनेस उनके लिए कितना फायदेमंद हो सकता है।

पहली फसल से कमाए 16 हजार

अरुण की पहली फसल दो महीने बाद तैयार हुई। उन्होंने मशरूम को स्थानीय बाजार में बेचा और उन्हें 16,000 रुपये की पहली कमाई हुई। इस पहली सफलता ने उन्हें इस बिजनस को और बड़ा करने की प्रेरणा दी। उन्होंने धीरे-धीरे मशरूम बैग की संख्या बढ़ाई और अपनी मेहनत के साथ मशरूम उत्पादन में सुधार किया। अरुण ने तीन साल तक इस बिजनस को पार्ट-टाइम किया। 2014 में, उन्होंने देखा कि मार्केट में मशरूम की डिमांड बढ़ रही है और इस बिजनस को फुल-टाइम करने से अधिक लाभ हो सकता है। फिर उन्होंने अपने घर के पास एक पुरानी बिल्डिंग में मशरूम की खेती शुरू कर दी।

बैंक से लोन लेकर बढ़ाई खेती

2015 में अरुण ने अपने बिजनस को और बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने बैंक से 7 लाख रुपये का लोन लिया और अपनी बचत से 3 लाख रुपये मिलाकर मशरूम उत्पादन के लिए एक प्रोफेशनल सेटअप तैयार किया। अपने घर के पास 1000 वर्गफुट की जगह पर मशरूम उत्पादन यूनिट बनाई और 1.5 टन के दो एसी लगाए ताकि किसी भी मौसम में मशरूम की खेती की जा सके।

मशरूम खाद से सालाना 45 लाख की कमाई

जैसे-जैसे बिजनस बढ़ता गया, अरुण ने 2019 में मशरूम खाद का भी प्रोडक्शन शुरू किया। 5000 वर्ग फुट जगह में खाद प्रोडक्शन यूनिट बनाई, जिससे वे प्रति वर्ष 50,000 बैग का उत्पादन कर रहे हैं। यह खाद 90 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेची जाती है और इससे सालाना लगभग 45 लाख रुपये की इनकम होती है। आज अरुण सालाना 35 टन मशरूम का उत्पादन करते हैं और साथ ही 50,000 बैग मशरूम खाद भी बेचते हैं। मशरूम और खाद से उनका कुल कारोबार सालाना 90 लाख रुपये का होता है। 

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