जानिए राकेश गंगवाल की प्रेरणादायक कहानी, जिन्होंने IIT कानपुर से पढ़ाई कर भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की स्थापना की। उनकी नेटवर्थ अब 50,000 करोड़ रुपये से भी अधिक है।
Success Story: भारत के एविएशन सेक्टर में सक्सेस बहुत ही चैलेंजिंग माना जाता है। फिर भी, राकेश गंगवाल ने इसी सेक्टर में बड़ी सफलता हासिल की है। इंडिगो एयरलाइंस के को-फाउंडर के रूप में भारतीय एविएशन इंडस्ट्री को नई दिशा दी। इंडिगो को न सिर्फ भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन बनाई, बल्कि देश के यूथ के लिए एक प्रेरणा भी बने।
1975 में IIT कानपुर से ग्रेजुएशन
25 जुलाई, 1952 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में जन्मे राकेश गंगवाल की शुरुआती एजूकेशन डॉन बॉस्को स्कूल में हुई। 1975 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। उनकी पढ़ाई यहीं नहीं रुकी, प्रतिष्ठित व्हार्टन स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से एमबीए की डिग्री भी हासिल की, जिसने उनकी मैनेजमेंट कैपेसिटी को और स्ट्रांग किया।
1980 में एविएशन सेक्टर में रखा कदम
राकेश गंगवाल ने एविएशन क्षेत्र में 1980 में कदम रखा, जब उन्होंने बूज एलन और हैमिल्टन इंक में एक सहयोगी के रूप में काम करना शुरू किया। यहां से उनके करियर का ग्राफ ऊंचाईयों पर बढ़ता गया। इसके बाद वे यूनाइटेड एयरलाइंस में शामिल हुए, जहां उन्होंने मैनेजर और स्ट्रेटेजिक प्लानर जैसे पदों पर काम किया।
1998 से 2001 तक यूएस एयरवेज ग्रुप के चेयरमैन
राकेश गंगवाल ने 1998 से 2001 तक यूएस एयरवेज ग्रुप के चेयरमैन और सीईओ के रूप में भी कार्य किया। उनकी अगुवाई में कंपनी ने ऊंचाइयां हासिल की। उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे केवल एक अच्छे बिजनेसमैन नहीं, बल्कि एक कुशल लीडर भी हैं। उनके फैसलों ने एयरलाइन इंडस्ट्री में स्टेबिलिटी और ग्रोथ का एक नया मानक स्थापित किया।
2006 में इंडिगो एयरलाइंस की स्थापना
गंगवाल की जिंदगी में एक और बड़ा बदलाव 2006 में आया, जब उन्होंने अपने मित्र राहुल भाटिया के साथ मिलकर इंडिगो एयरलाइंस की स्थापना की। शुरुआत में इंडिगो ने किफायती दरों पर यात्रा पर फोकस किया, जो कि जल्द ही एक बड़ी सफलता साबित हुई। आज, इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है, जो हर साल लाखों यात्रियों को सर्विस देती है। हालांकि उन्होंने 2022 में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।
50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है नेटवर्थ
2024 में गंगवाल, साउथवेस्ट एयरलाइंस के बोर्ड में शामिल हुए। यह दुनिया की सबसे बड़ी लो-कॉस्ट एयरलाइंस में से एक है। उन्होंने 2022 में आईआईटी कानपुर को 100 करोड़ रुपये का दान दिया। उनकी मौजूदा नेटवर्थ लगभग 50,300 करोड़ रुपये है।