रिमोट-वॉइस-हेलमेट से चलता है ये व्हीलचेयर, IIT-NIT नहीं गांव के इस 19 वर्षीय लड़के ने बनाई

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Nov 8, 2023, 11:07 PM IST
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देश के नामी गिरामी प्रौद्योगिकी संस्थानों IIT-NIT के स्टूडेंट्स के इनोवेशन दुनिया भर में जाने जाते हैं। आज हम गांव के एक ऐसे लड़के की कहानी बता रहे हैं, जो 10वीं पास है। 12वीं क्लास की पढ़ाई के दौरान ही इनोवेशन में मन ऐसा रमा कि ऐसा मल्टीफंक्शनल व्हीलचेयर बनाया, जो रिमोट, वॉइस और हेलमेट से भी चला सकते हैं।

सिद्धार्थनगर। देश के नामी गिरामी प्रौद्योगिकी संस्थानों IIT-NIT के स्टूडेंट्स के इनोवेशन दुनिया भर में जाने जाते हैं। आज हम गांव के एक ऐसे लड़के की कहानी बता रहे हैं, जो 10वीं पास है। 12वीं क्लास की पढ़ाई के दौरान ही इनोवेशन में मन ऐसा रमा कि जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए 'फसल सुरक्षा अलार्म' डिवाइस बनाई। ऐसा मल्टीफंक्शनल व्हीलचेयर भी बनाया है, जो रिमोट, वॉइस और हेलमेट से भी चला सकते हैं। यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के रमवापुर गांव के रहने वाले 19 वर्षीय अभिषेक चौधरी को उनके इनोवेशन के लिए सम्मानित भी किया गया है। माई नेशन हिंदी से उन्होंने अपनी जर्नी शेयर की है। आइए उसके बारे में जानते हैं।

दिव्यांगों के रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाएगा व्हीलचेयर

अभिषेक चौधरी ने दिव्यांगों के रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाने के लिए ऐसा मल्टी फंक्शनल व्हीलचेयर तैयार किया है, जो उनके लिए मददगार होगा। व्हीलचेयर की खासियत यह है कि कोई भी दिव्यांग व्यक्ति दूसरों की मदद के बिना उसे खुद संचालित कर सकता है। शारीरिक कमजोरी के लिहाज से व्हीलचेयर को चलाने के लिए फंक्शन भी अलग-अलग हैं। 

रिमोट, वॉइस और हेलमेट से भी चला सकते हैं व्हीलचेयर

यदि कोई दिव्यांग व्यक्ति अपने हाथों का उपयोग करने में सक्षम है तो मोबाइल के ब्लूटूथ से कनेक्ट कर व्हीलचेयर को रिमोट से चला सकता है। यदि कोई दिव्यांग व्यक्ति हाथ और पैरों का उपयोग करने में अक्षम है तो वॉइस कंट्रोल फंक्शन के जरिए व्हीलचेयर चला सकता है। इसमें भाषा की भी बाध्यता नहीं है। दिव्यांग व्यक्ति जिस भाषा में भी कमांड देगा। व्हीलचेयर काम करना शुरु कर देगा। इसके अलावा यदि कोई दिव्यांग व्यक्ति हाथ-पैरों के साथ बोलने में भी असमर्थ है तो हेलमेट के जरिए वह व्हीलचेयर को मूव कर सकता है। हेलमेट की खासियत यह है कि जिस तरह दिव्यांग व्यक्ति अपना सिर घुमाएगा। व्हीलचेयर भी उसी तरफ मूव करेगा। हाल ही में यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने भी एकेटीयू में आयोजित एक प्रोग्राम में उनका इनोवेशन देखा था।

 

व्हीकल्स को कंट्रोल करने वाली डिवाइस भी

अभिषेक चौधरी कहते हैं कि व्हीलचेयर को लेकर कई प्रोग्राम में गया हूं। उनमें प्राइज भी मिला है। व्हीलचेयर बनाने की कॉस्ट 60 हजार रुपये आ रही है, घर से उतना सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है तो अब एक नई डिवाइस बना रहा हूं। जिसकी कीमत 7 से 8 हजार रुपये होगी। उस डिवाइस के जरिए ही कार, बाइक या किसी व्हीकल के सारे फंक्शन कंट्रोल कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपने कार पार्किंग में लगाई है और कार का दरवाजा खोलने की स्थिति नहीं है तो आप अपने फोन से बोलकर कार को पार्किंग से बाहर निकाल सकते हैं।

फोन से ही कर सकेंगे आपरेट

अभिषेक चौधरी कहते हैं कि इस डिवाइस की खासियत यह है कि उसे आप अपने फोन से ही आपरेट कर सकेंगे। कोई दूसरा शख्स उस डिवाइस को एक्सेस नहीं कर सकेगा। अभिषेक 12वीं क्लास की पढ़ाई के दौरान अपने इनोवेशन को आगे बढ़ाने में लगे रहें। इसी वजह से अब कंपार्टमेंट एग्जाम देना पड़ रहा है। उनका कहना है कि सपोर्ट मिलने के बाद डिवाइस को मार्केट में लाऊंगा। कोई भी मैकेनिक उसे आसानी से कार में लगा सकता है। 

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