Radhika Gupta Success Story: आपने अक्सर शारीरिक बनावट की वजह से लोगों का तिरस्कार सहने वाले लोगों को देखा होगा। कुछ ऐसे ही लोगों ने इतिहास भी रचा है। आईएएस इरा सिंघल और आरती डोगरा उन्हीं शख्सियतों में शामिल हैं। ऐसी ही एक शख्सियत राधिका गुप्ता हैं, जिन्होंने शारीरिक बनावट को अपनी कामयाबी की राह का रोड़ा नहीं बनने दिया। अब कॉरपोरेट वर्ल्ड उनके टैलेंट का लोहा मानता है। आइए उनके बारे में डिटेल में जानते हैं।

कौन हैं राधिका गुप्ता?

राधिका गुप्ता एडलवाइज म्यूचुअल फंड (Edelweiss MF) की CEO हैं। ​लेखिका के रूप में भी जानी जाती हैं। विश्व आर्थिक मंच ने राधिका को एक युवा वैश्विक लीडर के रूप में मान्यता दी है। कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने के अलावा राधिका ने व्हार्टन स्कूल से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन भी किया है। पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में प्रोग्राम भी कर चुकी है। फरवरी 2017 में राधिक गुप्ता कम्पनी की एमडी बनी थीं। उसके पहले तीन साल तक वह एडलवाइस मल्टी-स्ट्रैटेजी फंड की बिजनेस प्रमुख थीं। अब बिजनेस रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन में जज के रूप में दिखाई देंगी। उनकी शारीरिक बनावट औरों से अलग है। टेढ़ी गर्दन की वजह से जीवन में मुश्किल दौर से भी गुजरीं। 

पिता थे डिप्लोमेट, पाकिस्तान में जन्म

दरअसल, राधिका गुप्ता के पिता एक डिप्लोमेट थे। इसीलिए उनकी पढ़ाई भी अलग अलग देशों में हुई। पाकिस्तान में जन्म के समय ही कुछ दिक्क्तों के चलते उनकी गर्दन टूट गई। इसकी वजह से उनकी गर्दन सामान्य लोगों की तरह सीधी नहीं है, बल्कि एक तरफ झुकी रहती है। स्कूल में बच्चे अक्सर उनकी शारीकि बनावट का मजाक उड़ाते थे। उन्हें लोगों का तिरस्कार और उपहास भी झेलना पड़ा। पर वह सेल्फ डिपेंड बनने की राह पर आगे बढ़ती रहीं।

7 बार इंटरव्यू में रिजेक्शन झेला, फिर मिली जॉब

ऐसी ही परिस्थितियों के बीच राधिका गुप्ता ने एजूकेशन पूरी की। अमेरिका में रहने के दौरान कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की। आगे जॉब पाने के लिए प्रयास करने लगीं। रिपोर्ट्स के अनुसार एक के बाद एक लगातार 7 इंटरव्यू में वह रिजेक्ट हुईं। इसका उनके मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ा। तब उनकी उम्र सिर्फ 22 साल थी और उनके मन में सुसाइड के ख्याल आने लगे थे। पर उन्होंने मुश्किलों के आगे घुटने नहीं टेके, बल्कि हिम्मत जुटाकर आगे बढ़ीं और जॉब पाने में सफल रहीं।

33 साल की उम्र में बनीं सीईओ

बहरहाल, 25 साल की उम्र में राधिक गुप्ता भारत लौटीं। एक एसेट मैनेजमेंट कम्पनी शुरु की, जिसमें उनके पति और दोस्त सहभागी बनें। कुछ साल बीते ही थे कि उनकी कम्पनी को Edelweiss MF ने एक्वायर यानि अधिग्रहित कर लिया। साल 2017 में राधिका गुप्ता मात्र 33 साल की उम्र में कम्पनी की सीईओ बनीं। तब कंपनी का राजस्व 9128 करोड़ रुपये था। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी एसेट मैनेजमेंट कम्पनी की वर्थ में पिछले 5 साल में बड़ा इजाफा हुआ है। जनवरी 2023 में उनकी कम्पनी की वर्थ एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई।

ये भी पढें-जरूरतमंदों की दीवाली रोशन करने यूपी की इस IAS अफसर ने शुरू किया यूनिक कैम्‍पेन...