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20 रुपये से बिजनेस की शुरुआत, अब हर महीने 2 लाख की कमाई, ये है वंदना ठक्कर की इंस्पिरेशनल स्टोरी

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Jan 14, 2025, 02:53 PM ISTUpdated : Jan 14, 2025, 02:55 PM IST
20 रुपये से बिजनेस की शुरुआत, अब हर महीने 2 लाख की कमाई, ये है वंदना ठक्कर की इंस्पिरेशनल स्टोरी

सार

रायपुर की वंदना ठक्कर सिर्फ 20 रुपये से शुरू किए गए बिजनेस से अब हर महीने 2 लाख रुपये की कमाई कर रही हैं। आइए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कैलाशपुरी इलाके की रहने वाली वंदना ठक्कर का जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं है। मात्र 20 रुपये से शुरू किए गए गृह उद्योग ने आज उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है। वे हर महीने 2 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रही हैं। वंदना ने 15 साल पहले अपनी दोनों बेटियों, राधा और भक्ति के नाम से राधा भक्ति गृह उद्योग की शुरुआत की थी, और आज वह 30 से अधिक तरह के होममेड फूड आइटम बनाती हैं। आइए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।

पति के निधन के बाद शुरू हुआ स्ट्रगल

पति के निधन के बाद वंदना का स्ट्रगल शुरू हुआ। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन वंदना ने कभी हार नहीं मानी। पति के जाने के बाद आर्थिक संकट से जूझते हुए, उन्होंने अपना मन बिजनेस में लगाया। भले ही उन्होंने अपने बिजनेस की शुरूआत महज 20 रुपये से की हो। पर मौजूदा समय में उनका कारोबार देश के कई हिस्सों और विदेशों तक अपनी पहचान बना चुका है। उनके प्रोडक्ट अब रायपुर, दुर्ग, भिलाई जैसे शहरों के साथ-साथ दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर जैसे बड़े शहरों में भी पॉपुलर हैं।

ये है उनके फूड आइटम की खासियत

वंदना ने हार्डवर्क कर परिवार संभाला। उनके द्वारा तैयार किए गए फूड आइटम की खासियत यह है कि ये सभी घर पर बनाए जाते हैं, जिनमें किसी भी प्रकार के केमिकल या प्रिजर्वेटिव्स का यूज नहीं किया जाता। उनका चिवड़ा, गुझिया, ड्राई फ्रूट लड्डू, और अन्य खाने-पीने के प्रोडक्ट न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में पसंद किए जाते हैं। उनके प्रोडक्ट की शुद्धता ने कस्टमर्स का भरोसा जीता। नतीजतन, बिजनेस को ग्रोथ मिला।  

10 महिलाओं को दिया है रोजगार

वंदना अपने छोटे से बिजनेस से सिर्फ खुद ही आत्मनिर्भर नहीं बनीं, बल्कि 10 महिलाओं को रोजगार भी दिया। उनकी कहानी बताती है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो सफलता मिलती है। वंदना ठक्कर की कहानी महिलाओं के लिए इंस्पिरेशनल है।

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