सरकारी स्कूल से पढ़कर धनबाद की रेना जमील IAS Officer बन गईं। उनके पिता मैकेनिक है मां आठवीं पास हैं। रेना की मां अपने बच्चों को हमेशा से आत्मनिर्भर बनाने के सपने देखती थीं । रेना ने न सिर्फ अपनी मां के सपने को साकार किया बल्कि अपने पूरे गांव का नाम रोशन किया।
धनबाद। जिंदगी में कुछ करने की लगन हो, कुछ हासिल करने का जज्बा हो तो हालात चाहे कितने भी मुश्किल हों इंसान वह सब कुछ हासिल कर लेता है जिसकी उसे ख्वाहिश होती है। एक ऐसी ही शख्सियत है रेना जमील जो 2019 बैच की IAS Officer हैं। आईएएस ऑफिसर बनने के लिए उन्होंने क्या-क्या संघर्ष झेला है जानते हैं डिटेल में।
कौन हैं रेना जमील
झारखंड के धनबाद की रेना जमील की आठवीं तक की शिक्षा गांव के एक सरकारी उर्दू स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने हाईस्कूल, इंटरमीडिएट पास की। जूलॉजी विषय के साथ बीएससी किया । बाद में बीएड और एमएससी भी की। रेना की मां नसीम आरा ने भी उसी स्कूल से आठवीं किया था जहां से उन्होंने किया है। रेना के पिता मोहम्मद जमील अंसारी एक मेकैनिक हैं, टाटा कंपनी से सेवानिवृत्त हैं। बड़े भाई रौनक इंडियन रेवेन्यू सर्विस में हैं। छोटा भाई इंजीनियर है और छोटी बहन अभी मास्टर्स कर रही हैं।
हर रोज 50 किलोमीटर कॉलेज आना जाना पड़ता था
रेना का कॉलेज घर से 25 किलोमीटर दूर था हर रोज उन्हें आने-जाने में 50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। कभी ऑटो, कभी रिक्शा,कभी बस तो कभी-कभी उन्होंने पैदल भी स्कूल तक की दूरी नापी है। जूलॉजी ऑनर्स करने के दौरान रेना के दिमाग में Forest Officer बनने के ख्वाब मचलने लगे। उनके बड़े भाई जो की IRS Officer हैं उन्होंने रेना को UPSC की तैयारी के लिए प्रेरित किया ।
जब तक IAS नहीं बनीं तब तक कोशिश करती रहीं रेना
रेना ने 2014 में UPSC की तैयारी शुरू कर दी। पहले अटेम्प्ट में सिलेक्शन नहीं हुआ। फिर दूसरे अटेंप्ट में 2016 में 882वीं रैंक मिली। इसके बाद उनका इंडियन इंफॉर्मेशन सर्विस में चयन हो गया था और उन्होंने IIS सेवा को ज्वाइन कर लिया। लेकिन UPSC की तैयारी में लगी रहीं । 2017 में एक बार फिर से रेना ने UPSC अटेंप्ट किया लेकिन प्रीलिम्स में फेल हो गईं।साल 2018 में रेना ने छुट्टी लेकर तैयारी की और 380 रैंक से UPSC पास करके IAS बनने में कामयाब रहीं ।
नक्सलियों के इलाके में मिली पहली पोस्टिंग
साल 2019 में ट्रेनी के तौर पर रेना को पहली पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के बस्तर में मिली जो नक्सलियों का इलाका कहा जाता है। यहां उन्हें असिस्टेंट कलेक्टर पद पर नियुक्त किया गया था। इसके बाद अगली पोस्टिंग में वह एसडीएम बन गईं। रेना के पति रेयाज अहमद भी आईएएस अधिकारी हैं।
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