कॉलेज फीस से शुरू किया काम, आज बन गए 590 करोड़ के मालिक, जानिए कैसे हुआ ये ‘चमत्कार’

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Nov 4, 2024, 11:59 AM IST

जानें कैसे अनिरुद्ध शर्मा, राहुल रावत और तनवीर अहमद ने अपनी कॉलेज फीस से भारतीय स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप 'दिगंतारा' की शुरुआत की और 590 करोड़ रुपये के मालिक बन गए। 

नई दिल्‍ली: कहते हैं कि सफलता पाने के लिए हार्ड वर्क के साथ जुनून की भी जरूरत होती है। भारतीय अंतरिक्ष तकनीकी स्टार्टअप दिगंतारा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जहां तीन दोस्तों ने अपने कॉलेज की फीस दांव पर लगाकर सपना साकार किया। अनिरुद्ध शर्मा, राहुल रावत और तनवीर अहमद ने 2018 में इस स्टार्टअप की नींव रखी। आज दिगंतारा की गिनती भारत के स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में की जाती है। दिगंतारा का मकसद अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती प्रॉब्लम को हल कर स्पेस एक्टिविटीज को सेफ बनाना है। आइए जानते हैं कि कैसे तीन दोस्तों ने एक छोटे से आइडिया को बड़ी कम्पनी में तब्दील कर दिया। 

कॉलेज की फीस लगाकर शुरू किया स्टार्टअप

दरअसल, 2018 में स्पेस इंडस्ट्री में उन खास तकनीकों की जरूरत बढ़ रही थी, जो अंतरिक्ष मलबे की समस्या का हल ढूंढ सके। इन युवाओं ने इस प्रॉब्लम को समझा और दिगंतारा अस्तित्व में आई। शुरुआती दौर में कंपनी के पास पर्याप्त फंड नहीं था। लेकिन सबसे पहली चुनौती थी जरूरी कंपोनेंट्स की खरीदारी। तीनों दोस्तों ने अपनी कॉलेज की फीस भी इस काम में लगा दी ताकि जरूरी रॉकेट पार्ट्स खरीद कर काम पूरा कर सकें। उनकी मेहनत रंग लाई और काम देने वाली कंपनी उनके प्रोडक्ट से इम्प्रेस हुई। इस तरह स्पेस इंडस्ट्री में दिगंतारा को पहचान मिल गई।  

अंतरिक्ष मलबे से निपटने का अनोखा तरीका

दिगंतारा का मुख्य काम अंतरिक्ष में घूम रहे मलबे पर नजर रखना है। अंतरिक्ष में लगातार बढ़ती संख्या में सैटेलाइट और दूसरे उपकरण कई बार मलबे का रूप ले लेते हैं, जिससे टकराव का खतरा बढ़ जाता है। इसे कंट्रोल करने के लिए दिगंतारा ने ऐसे छोटे सैटेलाइट विकसित किए हैं, जो 1 सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तु का भी पता लगा सकते हैं। इन सैटेलाइट में लगे सेंसर से अंतरिक्ष की गतिविधियों की जानकारी मिलती है और सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।

फंडिंग से मिला सपोर्ट

दिगंतारा को शुरुआती समय में कलारी कैपिटल से 25 लाख डॉलर का निवेश मिला। यह निवेश कंपनी के रिसर्च और डेवलपमेंट टीम को मजबूत बनाने में सहायक साबित हुआ। कंपनी ने अपने सफर के दौरान कई बड़े निवेशकों से फंडिंग जुटाई है, जिसमें प्रमुख रूप से पीक XV पार्टनर्स से 1 करोड़ डॉलर की सीरीज A1 फंडिंग शामिल है। इसके अलावा, फरवरी 2023 में आदित्य बिड़ला वेंचर्स और सिडबी ने अतिरिक्त 20 लाख डॉलर का निवेश किया, जिससे दिगंतारा को अपनी तकनीकी क्षमताओं को और भी मजबूत करने में मदद मिली।

ये है दिगंतारा की सबसे बड़ी उप​लब्धि

दिगंतारा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है उसका STARS (Space Threat Assessment & Response Suite) सूट। यह सूट अंतरिक्ष में मौजूद मलबे और अन्य खतरों का आकलन करता है और उनसे निपटने के उपाय सुझाता है। इसके तहत छोटे सैटेलाइट्स और सेंसरों का उपयोग होता है, जो अंतरिक्ष गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखते हैं। यह सूट न केवल मलबे की स्थिति का पता लगाता है, बल्कि भविष्य में होने वाले संभावित खतरों का भी पूर्वानुमान लगा सकता है। 2023 में, TheKredible स्टार्टअप इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ने दिगंतारा की मार्केट वैल्यू लगभग 590 करोड़ रुपये आंकी थी।

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