Success Story: किसी भी सफल बिजनेस की शुरुआत एक छोटे से आइडिया से होती है। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के रहने वाले दयाशंकर गुप्ता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। कभी खुद छोटे स्तर पर कांच की लाइट बेचने वाले दयाशंकर ने आज करोड़ों का एलईडी लाइट कारोबार खड़ा कर दिया है। आइए, जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।

इंटर की पढ़ाई के बाद कांच के आइटम बनाने लगे

इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद दयाशंकर गुप्ता का इंटरेस्ट कांच के आइटम बनाने में बढ़ा। सीमित संसाधनों के साथ उन्होंने खुद कांच की लाइटें बनाना शुरू किया। शुरुआत में खुद लाइटों को शहर-शहर जाकर बेचते थे। अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए उन्हें खुद कस्टमर ढूंढ़ने पड़ते थे। इसके अलावा, कांच के आइटम्स के लिए कच्चा माल जुटाना और उन्हें तैयार करना भी काफी चैलेंजिंग था। पूरे काम में उन्हें काफी हार्ड वर्क करना पड़ता था। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

घर-घर जाकर बेचते थे लाइट्स

उनकी मेहनत का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि वह अपने बनाए लाइटों को खुद ग्राहकों तक पहुंचाते थे। छोटे व्यापारियों के यहां और घर-घर ऑर्डर लेने जाते थे। जैसे-जैसे समय बीतता गया, मार्केट में एलईडी लाइट की मांग बढ़ने लगी। दयाशंकर ने समय के अनुसार खुद को और अपने कारोबार को बदलने का निर्णय लिया। उन्होंने कांच की लाइट बनाना बंद कर एलईडी लाइट बनाना शुरू कर दिया।

बदलते समय के साथ एलईडी लाइट का कारोबार बढ़ाया

दरअसल, कांच की तुलना में एलईडी लाइट अधिक टिकाऊ और बिजली बचाने वाली  होती है। इस कारण से कस्टमर्स की प्रॉयरिटी एलईडी लाइट की तरफ बढ़ने लगी, दयाशंकर ने कस्टमर्स की पसंद को पहचाना और एलईडी लाइट के कारोबार को बढ़ाने लगे। काम करने वाले वर्कर्स की संख्या बढ़ाई और अपने छोटे बिजनेस को बड़े स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया। अब उनके पास 20-25 लोगों की एक टीम है, जो कई तरह की एलईडी लाइटें तैयार करती है।

सालाना टर्नओवर एक करोड़ से ज्यादा

दयाशंकर ने ऐसे वर्कर्स को अपने साथ जोड़ा, जो कांच और एलईडी के काम में निपुण थे। उनकी मदद से प्रोडक्ट्स की क्वालिटी में सुधार लाएं। अब दयाशंकर कई तरह की लाइटें बनाते हैं, जो कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा करती है। वह एलईडी बल्ब, स्ट्रीट लाइट, ट्यूब लाइट और अन्य प्रकार की लाइटें बनाते हैं। अब उनका कारोबार सिर्फ फिरोजाबाद तक ही सीमित नहीं है। वे पूरे भारत में ऑर्डर पर एलईडी लाइटें सप्लाई करते हैं, जिससे उनका व्यापार नेशनल लेवल पर पहुंच गया है। एलईडी लाइट्स की आनलाइन बिक्री से कस्टमर्स की संख्या में इजाफा हुआ। आज उनके कारोबार का सालाना टर्नओवर एक करोड़ से भी अधिक है।

ये भी पढें-कौन हैं राकेश गंगवाल? IIT से पढ़ाई, खड़ी कर दी देश की सबसे बड़ी एयरलाइन, नेटवर्थ 50,000 करोड़