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कभी घर-घर जाकर बेचते थे फिनायल, अब UAE में 34 सुपरमार्केट, बन गए मसाला किंग

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Mar 12, 2024, 03:15 PM ISTUpdated : Mar 12, 2024, 03:19 PM IST
कभी घर-घर जाकर बेचते थे फिनायल, अब UAE में 34 सुपरमार्केट, बन गए मसाला किंग

सार

बचपन गरीबी में बीता। कॉलेज लाइफ में फिनाइल और इंस्टेंट मिक्स जैसे प्रोडक्ट बेचे। कड़ी मेहनत, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प की बदौलत अब एक सफल उद्यमी हैं। अब यूएई में 34 सुपरस्टोर्स हैं। मसाला किंग के नाम से जाने जाते हैं। हम बात कर रहे हैं डॉ. धनंजय दातार की। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी।  

मुंबई (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे डॉ. धनंजय दातार के पिता महादेव भारतीय वायु सेना में सार्जेंट थे। नौकरी के दौरान लगातार सफर में रहते थे। इसी वजह से उनका पालन-पोषण अमरावती में नानी के यहां हुआ। स्कूली जीवन में औसत दर्जे के स्टूडेंट थे। घर की माली हालत ठीक नहीं थी। एचएससी एग्जाम पास करने के बाद कॉलेज के दिनों में परिवार की मदद करने की ठानी। कॉलेज की पढ़ाई के बाद मुलुंड, ठाणे और कल्याण जैसे उपनगरों में घर-घर जाकर फिनाइल और आइसक्रीम मिक्स जैसे प्रोडक्ट बेचे। उसी दरम्यान उनके पिता रिटायर हो गए तो परिवार मुंबई में बस गया।

सामान्य से लड़के की ऐसे बिजनेस वर्ल्ड में हुई एंट्री

डॉ. धनंजय दातार के पिता महादेव ने रिटायरमेंट के बाद दुबई में जाकर काम करने का फैसला लिया। एक स्टोर में मैनेजर की नौकरी करने लगे और कुछ समय बाद किराना व्यवसाय शुरु करने का फैसला लिया, क्योंकि काम के दौरान उनको यह एहसास हो चुका था कि खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीयों को आटा, चटनी और अचार जैसे पंसदीदा खाद्य उत्पाद असानी से नहीं मिलते। उन्होंने ग्राहकों के स्वाद की नब्ज पकड़ी और उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए एक छोटी सी दुकान खोल दी। बाद में उन्हें काम में अपने बेटे के मदद की जरूरत महसूस हुई तो उन्हें दुबई बुला लिया। इस तरह एक सामान्य सा लड़का अचानक बिजनेस की दुनिया में एंट्री कर गया।

 

किराने की दुकान को बड़े बिजनेस में बदला

डॉ. धनंजय दातार कहते हैं कि अपने पिता की छोटी से दुकान में मदद के लिए दुबई आया था। तब मेरी जेब में सिर्फ 30 दिरहम थे। उन्होंने कड़ी मेहनत और कस्टमर को बेहतर सर्विस देकर उस मौके को एक बड़े व्यावसायिक घराने में तब्दील कर दिया। पिता के साथ मिलकर बिजनेस का विस्तार किया। अब खाड़ी देशों में 34 से ज्यादा सुपरमार्केट और 2 मसाला फैक्ट्रियां खोलीं। यूएई में उन्हें 'मसाला किंग' सम्मान से नवाजा गया। साल 2018 में फोर्ब्स मिडिल ईस्ट के 'टॉप 100 इंडियन बिजनेस लीडर्स' में 29वां स्थान हासिल किया। साल 2011 में उद्योग रतन पुरस्कार से सम्मानित किए गए।

दुबई, शारजहा, अबू धाबी, यूएई में स्टोर

शुरुआती दिनों में बिजनेस में उतार-चढ़ाव के बाद एक छोटे से किराना स्टोर का तेजी से विकास हुआ। पहले 9 रिटेल स्टोर खोलें, फिर सुपरमार्केट। वर्तमान में दुबई, शारजहा, अबू धाबी में सुपरमार्केट है। दुबई के अल क्वोज के इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री के साथ भारत में भी कारोबार कर रहे हैं। उनकी कंपनी संयुक्त अरब अमीरात में मसालों, दाल, चावल, आटा, तेल, घी समेत तमाम भारतीय उत्पाद बेचती है। यूएई, अजमान में भी स्टोर हैं। उन्होंने अपने बिजनेस का विस्तार ऐसे समय में किया। जब दुनिया मंदी के दौर से परेशान थी और व्यावसायिक घराने अपने बिजनेस की साइज कम कर रहे थे। 

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