Success Story: पिता की कैंसर से मौत, होम लोन का नोटिस, हालत इतनी पतली कि एक वक्त के खाने तक के लाले पड़ गए। ऐसी परिस्थिति में भी कोटा की प्रेरणा सिंह ने हार नहीं मानी। NEET UG 2023 में हासिल की शानदार रैंक।
Success Story: राजस्थान के कोटा के महावीर नगर की रहने वाली प्रेरणा सिंह की सफलता की कहानी इमोशनल करने वाली है। महज 16 साल की उम्र में पिता की मौत हो गई। परिवार चलाने की जिम्मेदारी मॉं के कंधों पर आ गई। एक तरफ होम लोन का नोटिस तो दूसरी ओर एक वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल था। ऐसी परिस्थिति में भी प्रेरणा सिंह ने हार नहीं मानी। अपना भविष्य संवारने में जुटी रहीं। NEET UG 2023 क्रैक कर सफलता की राह बनाई।
16 साल की उम्र में पिता की मौत
कहते हैं कि दृढ इच्छाशक्ति के आगे बड़ी-बड़ी मुश्किलें घुटने टेक देती हैं। प्रेरणा सिंह की इंस्पिरेशनल जर्नी में भी ऐसा ही हुआ। पिता आटो चलाते थे। कैंसर से जूझ रहे थे। असमय देहांत हो गया। तब प्रेरणा की उम्र महज 16 साल थी, 10वीं क्लास में थीं। अभी परिवार एक सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि बैंक का नोटिस आ गया। 27 लाख का होम लोन था। बैंक ने लोन न चुका पाने की स्थिति में घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया। अब परिवार चलाने की जिम्मेदारी मॉं-बेटी पर आ गई। ऐसी स्थितियों से जूझना आसान नहीं होता।
एक वक्त का भोजन जुटाना भी मुश्किल, फिर भी लक्ष्य से भटकी नहीं
परिवार की माली हालत इतनी खराब थी कि एक वक्त का भोजन जुटाना भी मुश्किल था। चटनी-रोटी खाकर गुजारा करने को मजबूर होना पड़ा। उसके बावजूद प्रेरणा अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए जुटी रहीं। पढ़ाई में खूब मेहनत की। मेडिकल की पढ़ाई करने के लक्ष्य से भटकी नहीं। आपको बता दें कि हर साल लाखो बच्चे नीट यूजी एग्जाम में शामिल होते हैं। ढेर सारे अभ्यर्थी कम मार्क्स की वजह से पीछे रह जाते हैं। नीट यूजी 2024 एग्जाम में ही 23 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने आवेदन किए हैं।
नीट यूजी 2023 में शानदार परफॉर्मेंस
आल इंडिया लेबल के इस टफ एग्जाम में प्रेरणा का परफॉर्मेंस शानदार रहा। नीट यूजी 2023 में 686 अंक (1033 रैंक) हासिल की। इस रैंक के साथ गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलने की राह आसान हो गई। हर दिन 12-13 घंटे पढ़ाई के अलावा उन्होंने कोचिंग भी ज्वाइन की थी। साइकिल से पढ़ाई करने जाती थीं। कोचिंग करने के लिए पैसों का अभाव था तो रिलेटिव ने उधार पैसे दिए थे। इस तरह परिस्थितियों से जूझकर प्रेरणा के सपनों को उड़ान मिली।