जैसलमेर के एक छोटे से गांव के रहने वाले देशल दान रतनु ने गरीबी के बीच पढ़ाई की। UPSC में 82वीं रैंक हासिल कर अफसर बने। आइए जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी।
UPSC Success Story: यदि इंसान की इच्छाशक्ति मजबूत हो और वह मेहनती हो तो किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है। राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक छोटे से गांव के देशल दान रतनु की सफलता की कहानी इसका उदाहरण है। पिता चाय की दुकान चलाकर 7 भाई-बहनों को पालते थे। घर में खाने तक की दिक्कत झेली। कठिन परिस्थितियों के बावजूद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में 82वीं रैंक हासिल कर परिवार का नाम रोशन कर दिया।
पढ़ाई के आड़े नहीं आने दी परिस्थितियां
देशल का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था। सात भाई-बहनों के साथ देशल का परिवार रोज़मर्रा की जरूरतों को भी मुश्किल से पूरा कर पाता था। पिता की एक छोटी सी चाय की दुकान से परिवार का गुजारा मुश्किल से होता था। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूलों में भेजना संभव नहीं था। लेकिन देशल ने परिवार की परिस्थितियों को कभी अपनी पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया।
IIT जबलपुर से इंजीनियरिंग
देशल ने अपने स्कूल के दिनों से ही यह तय कर लिया था कि उन्हें कुछ बड़ा करना है। वे हर कक्षा में टॉप करते थे और अपनी पढ़ाई को लेकर हमेशा गंभीर रहते थे। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उन्हें आईआईआईटी जबलपुर में दाखिला मिल गया और वहां से इंजीनियरिंग की डिग्री ली।
शहीद भाई का सपना: यूपीएससी तैयारी में जुटे
देशल के बड़े भाई इंडियन नेवी में थे। साल 2010 में वह शहीद हो गए। उनकी इच्छा देशल को अफसर बनाने की थी। बड़े भाई के इसी सपने को पूरा करने के लिए देशल ने दिन रात एक कर दिया। भाई की शहादत ने देशल के भीतर एक नए जोश और जिम्मेदारी की भावना भर दी थी। यूपीएससी की तैयारी में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी।
इंटरनेट और किताबों से पढ़ाई
उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। भले ही उनके पास कोचिंग तक के पैसे नहीं थे। पर उन्हांने कभी हार नहीं मानी। इंटरनेट और किताबों की मदद से पढ़ाई जारी रखी। खुद को पूरी तरह से यूपीएससी की तैयारी के लिए समर्पित कर दिया। फर्स्ट अटेम्पट में ही 82वीं रैंक हासिल की।
यूपीएससी तैयारी में रिवीजन जरूरी
देशल की सफलता का सबसे बड़ा राज उनकी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प है। उन्होंने अपनी परिस्थितियों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और हमेशा सकारात्मक रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। वे कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी में रिवीजन सबसे महत्वपूर्ण है, और जितना ज्यादा हो सके, उतने बार रिवाईज करना चाहिए।