बीआईटी मेसरा से सिविल इंजीनियर शक्ति मोहन अवस्थी ने तीन प्रयासों में यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बनने का सपना पूरा किया। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी और इंटरव्यू में दिया गया मजेदार जवाब जिसने पैनल को किया इम्प्रेस।
Success Story: हर साल लाखों स्टूडेंट्स यूपीएससी सिविल सेवा एग्जाम में सक्सेस के लिए हार्ड वर्क करते हैं। सिविल सर्विस का हिस्सा बनना उनका सपना होता है। इसी ड्रीम के साथ शक्ति मोहन अवस्थी ने भी अपनी यूपीएससी जर्नी शुरू की थी। तीसरे प्रयास में आईपीएस बनें। वर्तमान में सेंट्रल नोएडा के डीसीपी के रूप में कार्यरत हैं। आइए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी।
बिहार के बीआईटी मेसरा से सिविल इंजीनियरिंग
शक्ति मोहन अवस्थी का जन्म लखनऊ में हुआ, यहीं पले-बढ़ें। शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के ही एक प्रतिष्ठित विद्यालय से की। फिर बिहार के प्रतिष्ठित बीआईटी मेसरा से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री ली। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें यूपीएससी परीक्षा के जरिए प्रशासनिक सेवा में जाना है।
दूसरे अटेम्पट में बने IRS
शक्ति मोहन की यूपीएससी जर्नी आसान नहीं थी। पहले प्रयास में प्रीलिम्स और मेन्स पास कर लिया और इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन फाइनल सूची में जगह नहीं बना सके। दूसरे अटेम्पट में उनका चयन इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) के लिए हुआ, लेकिन उनका सपना आईपीएस बनने का था। आखिरकार 2018 में उन्होंने तीसरा प्रयास किया और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 154वीं रैंक हासिल की। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बने।
यूपीएससी इंटरव्यू का मजेदार किस्सा
उन्होंने एक पॉडकास्ट में अपने इंटरव्यू का दिलचस्प अनुभव साझा किया। इंटरव्यू पैनल ने उनके चेहरे की तुलना फिल्म '3 इडियट्स' के अभिनेता शरमन जोशी से की और उनसे पूछा, "क्या आपने यह फिल्म देखी है?" शक्ति ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "हां, मैंने देखी है।" इसके बाद पैनल ने उनसे फिल्म का फेमस इंटरव्यू सीन सुनाने को कहा। शक्ति ने आत्मविश्वास के साथ वह सीन सुनाया और अंत में जोरदार अंदाज में कहा, "आप अपनी नौकरी रखिए, मैं अपना एटीट्यूड रख लेता हूं।" इस जवाब ने इंटरव्यू पैनल को इम्प्रेस कर दिया।
जानें यूपीएससी में सफलता के लिए टिप्स
शक्ति मोहन का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान ईमानदारी और आत्मविश्लेषण सबसे जरूरी हैं। एस्पिरेंट्स को सलाह देते हएु वह कहते हैं कि इंटरव्यू के दौरान अक्सर पूछे जाने वाले मानक प्रश्नों की तैयारी अच्छी तरह से करें। पैनल को प्रभावित करने के लिए प्रत्याशी को अपने जवाबों में ईमानदारी दिखानी चाहिए। रटे—रटाए जवाबों से बचना चाहिए। तनाव में आने के बजाय अपनी तैयारी पर भरोसा रखना चाहिए।
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