कौन हैं गोपीचंद थोटाकुरा? जो बनेंगे अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय टूरिस्ट, ऐसे सच हो रहा ड्रीम

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Apr 12, 2024, 12:56 PM IST

अमेरिकी के फ्लोरिडा स्थित एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। पायलट व उद्यमी थोटाकुरा प्रिजर्व लाइफ कॉर्प के सह-संस्थापक भी हैं। 

नयी दिल्‍ली। अंतरिक्ष में सैर सपाटा किसी सपने से कम नहीं है। अब भारतीय पायलट गोपीचंद थोटाकुरा (Gopichand Thotakura) का यह सपना पूरा होने जा रहा है। वह ऐसे पहले भारतीय होंगे, जो टूरिस्ट के तौर पर अंतरिक्ष में जाएंगे। ब्लू ऑरिजिंस (Blue Origin) के न्यू शेफर्ड-25 (एनएस-25) मिशन के लिए उनका चयन हुआ है। वह बतौर क्रू मेंबर सेलेक्ट हुए हैं। पांच अन्य लोगों के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने को तैयार हैं।

एयरोनॉटिकल साइंस में ग्रेजुएशन

गोपीचंद थोटाकुरा को शुरूआती दिनों से ही फ्लाइंग का क्रेज था। गाड़ी चलाने से पहले विमान चलाना सीख लिया। अमेरिकी के फ्लोरिडा स्थित एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। पायलट के साथ वह उद्यमी भी हैं। थोटाकुरा प्रिजर्व लाइफ कॉर्प के सह-संस्थापक भी हैं। धरती के वायुमंडल और अंतरिक्ष के बीच 'कारमन रेखा' से आगे उड़ान भरने वाले 31 लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। यह वह रेखा है, जो धरती के वायुमंडल को अंतरिक्ष से अलग करती है। 

गाड़ी चलाने से पहले उड़ाना सीखा विमान

ब्लू ऑरिजिंस के मुताबिक, पायलट और एविएटर गोपीचंद ने गाड़ी चलाने से पहले उड़ना सीख लिया। वह बुश, एरोबेटिक प्लेन, सीप्लेन, ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून उड़ाते हैं। अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट पायलट के रूप में भी काम करने का अनुभव रखते हैं। हालिया में उनका एक साहसिक कार्य चर्चा में था। वह माउंट किलिमंजारो के शिखर तक गए। जब ब्लू ऑरिजिंस ने अंतरिक्ष में जाने वाले क्रू मेंबर्स के नामों का ऐलान किया। तब गोपी के परिवार को इस बारे में जानकारी हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, भले ही उनके परिवार के सदस्य घबराए हों पर गोपीचंद जोश में दिख रहे हैं।

इतिहास में ऐसी 25वीं उड़ान

इस मिशन में वायु सेना के पूर्व कैप्टन एड ड्वाइट को भी शामिल किया गया है। जिनको साल 1961 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने देश के पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री के रूप में सेलेक्ट किया था। ब्लू ऑरिजिंस के अनुसार, न्यू शेपर्ड का इंजन तरल आक्सीजन और हाइड्रोजन से चलता है। कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। न्यू शेपर्ड प्रोग्राम के लिए यह सातवीं और धरती के इतिहास में ऐसी 25वीं उड़ान होगी। 

क्या है ब्लू ऑरिजिंस?

ब्लू ऑरिजिंस रियूजेबल लॉन्च व्हीकल और इन-स्पेस सिस्टम विकसित करने का काम कर रहा है, जो भविष्य में नागरिक, व्यापारिक और सुरक्षा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा कर सके। जिसकी लागत कम हो और वह सेफ भी हो। अंतरिक्ष यात्रियों को न्यू शेपर्ड पर स्पेस में ले जाने का प्रयास करते हैं। ब्लू ऑरिजिंस कॉमर्शियल यूज के लिए ग्लेन नाम के एक भारी रॉकेट को भी डेवलप करने में जुटी है। माना जा रहा है कि अगले वर्ष उड़ान भर सकती है। 

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