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ईद पर अजित डोभाल ने आसमान से बाज की तरह कश्मीर घाटी पर नजर रखी

Published : Aug 12, 2019, 07:43 PM ISTUpdated : Aug 12, 2019, 08:02 PM IST
ईद पर अजित डोभाल ने आसमान से बाज की तरह कश्मीर घाटी पर नजर रखी

सार

जम्मू कश्मीर में ईद उल अजहा का त्योहार आम लोगों के लिए तो शांतिपूर्वक बीत गया। लेकिन उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिस राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पर थी। उनकी निगाहें शायद लगातार निगरानी में व्यस्त रही। उन्होंने पूरे दिन कश्मीर घाटी पर आसमान से नजर बनाए रखी।   

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में सुरक्षा और शांति के नजरिए से सोमवार  का दिन बड़ा चुनौतीपूर्ण था। क्योंकि इस दिन बकरीद का त्यौहार मनाने के लिए सड़कों पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन सुरक्षा के प्रबंध आखिरकार सफल साबित हुए और किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला। 

लेकिन इस सफलता की कीमत चुकाने के लिए एनएसए अजीत डोभाल की सांसें अटकी रहीं। उन्होंने कश्मीर घाटी में हालात का जायजा लेने के लिए लगातार हवाई सर्वेक्षण जारी रखा। उन्होंने पूरे कश्मीर शहर और दक्षिण कश्मीर के उपर लगातार उड़ान भरी और इस बात को सुनिश्चित किया कि कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हो। 

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद यह पहला सार्वजनिक मौका था, जब घाटी की सड़कों पर भीड़ उमड़ी थी। सरकार के फैसले के बाद लगाई गई कड़ी पाबंदियों के बीच घाटी में सोमवार को ईद-उल-अज़हा का त्योहार मनाया गया।      

अजित डोभाल के अलावा राज्य के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह तथा सैन्य कमांडरों ने भी आसमान से पूरे इलाके पर नजर बनाए रखी। अधिकारियों की इसी सतर्कता का नतीजा था कि पूरे जम्मू कश्मीर से किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।  पूरे जम्मू कश्मीर में ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई।      

प्रशासन ने एक बयान में जानकारी दी कि श्रीनगर में आतंकवादियों और असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था को बाधित करने की आशंका को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील इलाकों में जरूरी प्रतिबंध लगाये रखे गए। स्थानीय मस्जिदों में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचे और उन्होंने एक-दूसरे को ईद की बधाई दी।      

बयान के मुताबिक कई स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। बांदीपोरा में (दार उल उलूम रहिमिया 5000, जामिया मस्जिद 2000), बारामुला (10,000), कुपवाड़ा (ईदगाह 3500), , सोपोर (1500), कुलगाम (काजीगुंड 5500, कैमोह 6000), शोपियां (3000), पुलवामा (1800), अवंतीपोरा (2500), अनंतनाग (अचबल 3000), गंदेरबल (7000 से अधिक), बडगाम (चरार-ए-शरीफ 5000, मगाम 8000) और श्रीनगर की स्थानीय मस्जिदों में सैंकड़ो लोग एकत्र हुए।      

जम्मू में ईदगाह में पांच हजार से अधिक लोगों ने नमाज अदा की।      

इस पूरे समारोह पर आसमान से एनएसए अजित डोभाल ने बाज की तरह बारीक नजर बनाए रखी। दरअसल जम्मू कश्मीर में शांति का जिम्मा अजित डोभाल ने व्यक्तिगत रूप से संभाल रखा है। 

बताया जा रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से वादा किया है कि घाटी में कानून और व्यवस्था की हालत बिगड़ने नहीं देंगे। फिलहाल राज्य में धारा 144 लागू है और स्थानीय आबादी का पाकिस्तान से संपर्क तोड़कर सरकार ने एक बड़ी राजनीतिक और कूटनीतिक जीत हासिल की है। 

घाटी में ईद का जश्न शांतिपूर्वक निपट जाना सरकार और निजी तौर पर अजित डोभाल के लिए बड़ी सफलता है। 

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