रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हरियाणा के पंचकूला में कहा कि अब अगर कश्मीर पर किसी तरह की भी चर्चा हुई तो वह गुलाम कश्मीर पर ही होगी। राजनाथ ने हरियाणा के पंचकूला में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।
पंचकूला: हरियाणा में चल रही चुनावी गहमागहमी के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक और बड़ा बयान दे डाला है। उन्होंने पाकिस्तान पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अब अगर पाकिस्तान के साथ कश्मीर म मुद्दे पर कोई बात हुई तो वह पीओके पर आधारित होगी।
कश्मीर पर विकास के लिए खत्म किया गया अनुच्छेद 370
उन्होंने संसद द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि वहां पर विकास किया जा सके। लेकिन हमारा पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय दरवाजे खटखटा रहे हैं और ये कहते फिर रहे हैं कि भारत ने गलती की है। पाकिस्तान से बात तभी होगी जब वह आतंकवादियों की मदद करना बंद करेगा।
धारा 370 और 35A हटने से हमारा एक पड़ोसी बौखला गया है और दुनिया के तमाम देशों का दरवाजा खटखटा रहा है।
कुछ लोग यह मानते और कहते है कि पाकिस्तान से बात होनी चाहिए मगर जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता कोई बात नहीं होगी।अगर पाकिस्तान से बात भी होगी तो POK पर होगी।
पाकिस्तान ने की बालाकोट हमले की पुष्टि
रक्षा मंत्री का आरोप था कि पाकिस्तान आतंकवाद के माध्यम से भारत को अस्थिर और कमजोर करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर हमारे देश को तोड़ना चाहता था। लेकिन हमारे 56 इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री ने देश को दिखा दिया है कि निर्णय कैसे किया जाता है। पुलवामा हमले के बाद हमारी वायुसेना ने बालाकोट हमला किया था।'
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल में कहा था कि भारत बालाकोट से भी बड़े हमले की योजना बना रहा है, जिसका मतलब है कि उन्होंने स्वीकार किया कि बालाकोट में हवाई हमला हुआ था। पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान अभी तक तो बालाकोट हवाई हमले से इंकार करते रहे हैं।
पहले भी राजनाथ दे चुके हैं पाकिस्तान को गंभीर चेतावनी
इसके पहले केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पोखरण में भी कह चुके हैं कि अभी तक हमारी न्यूक्लियर को लेकर पॉलिसी नो फर्स्ट यूज की रही है। लेकिन भविष्य में क्या होता है यह हालात पर निर्भर रहेगा। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि पोखरण वह क्षेत्र है जिसने भारत को परमाणु शक्ति बनाने के लिए अटलजी के दृढ़ संकल्प को देखा और अभी तक नो फर्स्ट यूज के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध है। भारत ने इस सिद्धांत का कड़ाई से पालन किया है। भविष्य में क्या होता है यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
राजनाथ सिंह के यह दोनों बयान कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रति भारत के बदलते हुए कड़े रवैये के संकेत देते हैं।