'ऊँ' और गाय के बहाने पीएम मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लिया

By Team MyNation  |  First Published Sep 11, 2019, 4:58 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'गाय' और प्रणव मंत्र 'ऊँ' के बहाने से विपक्ष को सीधे तौर पर अपने निशाने पर लिया। उनका कहना था कि गाय और ऊँ को जो लोग पिछड़ेपन का प्रतीक मानते हैं उन्होंने ही देश को बर्बाद कर रखा है। 
 

मथुरा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार के दिन भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में थे। उन्होंने यहां कई विषयों पर बात की। जिसमें प्लास्टिक प्रदूषण और वैश्विक आतंकवाद जैसे बेहद अहम विषय भी थे। लेकिन इस दौरान प्रधानमंत्री ने एक ऐसी बात कह दी जिसे आने वाले दिनों में विपक्ष जरुर मुद्दा बना लेगा। क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपने इस बयान में साफ तौर पर विपक्ष को ही निशाने पर लिया था। 

पीएम मोदी ने कहा कि  'ऊँ' शब्‍द सुनते ही कुछ लोगों के कान खड़े हो जाते हैं, कुछ लोगों के कान में 'गाय' शब्‍द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं, उनको करंट लग जाता है। उनको लगता है कि देश 16वीं-17 वीं सदी में चला गया है। ऐसे लोगों ने ही देश को बर्बाद कर रखा है'।

प्रधानमंत्री गायों को देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका दिलाने के इच्छुक दिखे। उन्होंने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की भी शुरुआत की है। जिसका उद्देश्य है कि आने वाले 5 सालों में पशुओं में होने वाली घातक बीमारियों को खत्म कर दिया जाए। 

 

साथ ही गायों की नस्ल सुधारने के लिए सबसे बड़े सरकारी अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने देशव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की भी शुरुआत की है। इस अभियान के माध्यम से 600 जिलों में सौ-सौ गांव की 200-200 गायों का अगले छह महीनों में कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। 

विपक्ष के अलावा प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की तरफ भी इशारा करते हुए कहा कि 'आतंकवाद एक वैश्विक समस्‍या है। आज आतंकवाद एक विचारधारा बन गई है। आतंक की जड़ें हमारे पड़ोस में पनप रही हैं। हम इसका मजबूती से सामना कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत पूर्ण रूप से सक्षम है और हमने करके दिखाया भी है।'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पर्यावरण के लिए सबसे जरुरी प्लास्टिक प्रदूषण पर भी चिंता जताते हुए इसका समाधान निकालने की कोशिश के तहत कहा कि  'हमें यह कोशिश करनी है कि इस वर्ष 2 अक्तूबर तक अपने घरों, अपने दफ्तरों, अपने कार्यक्षेत्रों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें। आज स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत हुई है, नेशनल ऐनीमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को भी लॉन्च किया गया है। महात्मा गांधी का यह 150वां प्रेरणा का वर्ष है। स्वच्छता ही सेवा के पीछे भी यही भावना छुपी हुई है। आज से शुरू हो रहे इस अभियान को इस बार विशेष तौर पर प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है।'

स्वच्छ भारत अभियान की ही तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्लास्टिक के कचरे के खिलाफ भी बड़े अभियान छेड़ने की तैयारी में हैं। प्लास्टिक कचरे के खिलाफ उनकी गंभीरता इसी बात से दिखाई देती है कि पीएम मोदी ने प्लास्टिक का कूड़ा बीनने वाली 25 महिलाओं के साथ बैठकर प्लास्टिक प्रबंधन के तरीके सीथे। उन्होंने इन महिलाओं से जाना कि कूड़े से किस तरह की प्लास्टिक को अलग करके कैसे इस्तेमाल में लाना है। 

प्रधानमंत्री ने इन महिलाओं को सम्मानित भी किया और उनके कार्यों में आने वाली दिक्कतों को करीब से समझा। पीएम मोदी ने जिन 25 महिलाओं से बात की है, उन्हें प्लास्टिक मुक्त भारत का ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया जाएगा। 

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