अयोध्या के राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई चल रही है। इस मामले में पूरे देश की दिलचस्पी है। हो सकता है कि इसका टेलीविजन पर लाइव प्रसारण किया जाए। देश की सर्वोच्च अदालत ने इस बाबत इच्छा जाहिर की है और पूछा है कि इस तरह की व्यवस्था बनाने में कितना समय लगेगा।
नई दिल्ली: देश के बहुचर्चित अयोध्या के राम मंदिर विवाद पर चल रही रोजना सुनवाई के बारे में पूरे देश के लोग जानना चाहते हैं। लेकिन हर व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंच सकता है। जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट इस रोजाना सुनवाई के लाइव प्रसारण का मन बना रहा है।
इस मामले की सुनवाई कर रही संवैधानिक पीठ ने 24वें दिन पूछा कि इस सुनवाई के लाइव प्रसारण की व्यवस्था किए जाने में कितने दिनों का वक्त लगेगा। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की प्रशासनिक व्यवस्था देखने वाले रजिस्ट्रार से यह प्रश्न किया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार यानी 11 अगस्त को कहा था कि वह रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की रोजाना सुनवाई के सीधा प्रसारण और रिकॉर्डिग की मांग वाली याचिका पर 16 सितंबर को सुनवाई करेगा।
दरअसल राम मंदिर पर सुनवाई के लाइव प्रसारण की याचिका आरएसएस से जुड़े पूर्व पदाधिकारी के.एम.गोविंदाचार्य ने दाखिल की थी। उनकी तरफ से कहा गया था कि 'यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है. याचिकाकर्ता समेत ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो अदालत के समक्ष कार्यवाही का गवाह बनना चाहते हैं, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा नियम के तहत ऐसा नहीं कर सकते
अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के आदेश का हवाला दिया था जिसमें कहा गया था कि देश में अदालत की कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण हो सकता है। याचिका के अनुसार, लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी शीर्ष अदालत के आदेश को लागू नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने इस याचिका के आधार पर अदालत के रजिस्ट्रार से पूछा है कि इस मामले की रोजाना सुनवाई का लाइव प्रसारण में कितने दिनों का समय लग सकता है।