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आ‍र्टिफिशियल मून पर लैंडिंग की प्रैक्टिस...यूथ को मैसेज, ISRO पहुंचे पीएम मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Aug 26, 2023, 11:19 AM IST
आ‍र्टिफिशियल मून पर लैंडिंग की प्रैक्टिस...यूथ को मैसेज, ISRO पहुंचे पीएम मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें

सार

पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह ग्रीस से सीधे बेंगलुरु​ स्थित इसरो (ISRO) मुख्यालय पहुंचे। मिशन चंद्रयान-3 (Mission chandrayaan-3) की सक्सेस पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी कई बार इमोशनल हुए। उनकी आंखों में आंसू छलकें, गला भी रूंधा।

बेंगलुरु। पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह ग्रीस से सीधे बेंगलुरु​ स्थित इसरो (ISRO) मुख्यालय पहुंचे। मिशन चंद्रयान-3 (Mission chandrayaan-3) की सक्सेस पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी कई बार इमोशनल हुए। उनकी आंखों में आंसू छलकें, गला भी रूंधा।

पढ़िए पीएम मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें

1. चंद्रयान के लैंडिंग के वक्त मैं दक्षिण अ​फ्रीका में था, फिर ग्रीस गया। आप लोगों से मिलने के लिए बेसब्र था। वैज्ञानिकों के परिश्रम और धैर्य को सैल्यूट करता हूॅं। जहां कोई नहीं पहुंचा था, हम वहां पहुंचे। वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल मून पर लैंडिंग की प्रैक्टिस की थी। इतनी परीक्षाएं देकर गए चंद्रयान-3 को पास होना ही था।

2. ये आज का निर्भीक और जुझारू भारत है, जो नया और नए तरीके से सोचता है। 23 अगस्त का वो एक-एक सेकंड मेरी आंखों के सामने बार-बार घूम रहा है। जब टचडाउन हुआ तो उस पल को कौन भूल सकता है। हर भारतीय को ये विजय उसकी अपनी सी लग रही है। 

3. चंद्रमा पर प्रज्ञान भारत के पद चिह्न छोड़ रहा है। यह पूरी मानवता की सक्सेस है। मिशन जिस क्षेत्र को एक्सप्लोर करेगा, उससे मून मिशन के रास्ते सभी देशों के लिए खुलेंगे। चांद के रहस्यों को खोलने के साथ यह मिशन धरती की समस्याओं का भी समाधान करेगा।

4. चंद्रयान-3 का लैंडर जहां उतरा, उस प्वाइंट को अब शिव शक्ति के नाम से जाना जाएगा। चंद्रयान-2 ने जहां उतरने की कोशिश की, उसे तिरंगा कहा जाएगा। ये हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।

5. तीसरे से पहली पंक्ति की यात्रा में इसरो जैसे संस्थानों ने अहम भूमिका निभाई है। मंगलयान और चंद्रयान की सफलता ने युवा पीढ़ी को एक नया मिजाज दे दिया है। नई पीढ़ी शास्त्रों के खगोलीय सूत्र को साइंटिफिकली प्रूव करने, नए सिरे से उनके अध्ययन के लिए आगे आए। हमारी विरासत और विज्ञान के लिए भी ये जरूरी है। इस समय जो देश साइंस और टेक्नोलॉजी में बढ़त बनाएगा, वह सबसे आगे बढ़ जाएगा।

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