विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक उन लोगों में से है। जो सामने से तो अच्छा बनने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनके दिलों में जहर भरा हुआ होता है। जाकिर नाइक का हर भाषण में आतंकवाद का महिमामंडल तथा भारत और हिंदुओं के खिलाफ घृणा भरी होती है। आईए आपको बताते हैं इसका असली सच-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद से मुलाकात की। दोनो नेताओं के बीच कई विषयों पर चर्चा हुई। जिसमें कुख्यात इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के भारत प्रत्यर्पण का भी मामला शामिल था। जो कि भारत में काला धन शोधन, घृणा भड़काने वाले भाषण और आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसे मामलों में वांछित है। फिलहाल वह स्थायी रुप से मलेशिया में रह रहा है। हाल ही में उसे मलेशिया के मेलाका, जोहोर, सेलांगोर, पेनांग,केदाह, परलिस और सारावाक जैसे राज्यों में भाषण देने से रोक दिया गया था।
जाकिर नाइक ने अपने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना 1991 में की थी। उसने साल 2014 तक 1.70 मिलियन डॉलर इकट्ठा कर लिए और इसमें से 1.56 मिलियन डॉलर उसने अपने टीवी चैनल पीस टीवी पर खर्च किया। पीस टीवी दुबई, सऊदी अरब और यहां तक कि भारत में प्रसारित होता है। हालांकि उसपर यहां प्रतिबंध लगा दिया गया है। जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के बारे में कहा जाता है कि उसका संबंध साल 2006 के मुंबई बम धमाकों से भी था। इस मामले में आईआरएफ के एक लाइब्रेरियन फिरोज देशमुख का नाम मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर सामने आया था।
जाकिर नाइक से संबंधित विवादों की सूची यहीं समाप्त नहीं होती है। फेसबुक पर उसका एक भाषण सभी मुसलमानों से आतंकवादी बनने के लिए प्रेरित करते हुए सुना जा सकता है। जुलाई 2016 में ढाका में हुई गोलीबारी करने वाले आतंकवादियों में से एक जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित था। वह जाकिर नाइक से उसी भाषण से प्रेरित था। जिसमें उसने सभी मुसलमानों से आतंकवादी बनने का आह्वान किया था। हालांकि जाकिर नाइक अपने उपर लगे इन आरोपों को खारिज करते हुए कहता है कि वह पूरी तरह आतंकवाद और निर्दोष मुसलमानों की हत्या के खिलाफ है।
जाकिर नाइक पर चल रही बहस ने तब राजनीतिक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस महासचिव ने उसे "मैन ऑफ पीस" करार दिया था। आतंकियों की फंडिंग का आरोपी जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का नेता यासीन मलिक ने भी जाकिर नाइक के खिलाफ की गई कार्रवाईयों को "अवांछित और घटिया" बताते हुए उसका समर्थन किया था।
हालांकि मलेशिया के प्रधान मंत्री ने स्वीकार किया कि जाकिर नाइक उनके लिए अवांछित अतिथि हैं जिसे अपने यहां से बाहर नहीं भेज सकते हैं। उन्हें शक है कि भारत में जाकिर नाइक के साथ उचित न्याय नहीं किया जाएगा। लेकिन सच यह है कि महातिर मोहम्मद अपने यहां के मुस्लिमों के नाराज होने के भय से जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई करने से डर रहे हैं।