‘दादा’ को मिल सकता है घर वापसी का इनाम, ठाकरे सरकार में बन सकते हैं कैबिनट मंत्री

By Team MyNation  |  First Published Dec 12, 2019, 8:46 AM IST

असल में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में शिवसेना की सरकार कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से चल रही है। पिछले दिनों सियासी घटनाक्रम में अजीत पवार ने पार्टी से बगावत कर भाजपा सरकार को समर्थन दिया था। जिसके बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनी थी और अजीत पवार सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे।

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को पार्टी प्रमुख शरद पवार  घर वापसी का इनाम दे सकते हैं। अजीत पवार को उद्धव ठाकरे सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद दिया जा सकता है। चर्चा है कि नसीपी कोटे से उन्हें कोई ताकतवर मंत्रालय मिल सकता है। माना जा रहा है कि उन्हें वित्तमंत्री का पद दिया जा सकता है। 

असल में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में शिवसेना की सरकार कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से चल रही है। पिछले दिनों सियासी घटनाक्रम में अजीत पवार ने पार्टी से बगावत कर भाजपा सरकार को समर्थन दिया था। जिसके बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनी थी और अजीत पवार सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे। लेकिन बाद में राजनैतिक ड्रामे के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और एनसीपी में वापस चले गए थे।

हांलाकि राज्य के भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि अजीत पवार ने साजिश के तहत भाजपा सरकार को समर्थन दिया और इस साजिश में शरद पवार भी शामिल थे। लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हुआ कि अजीत पवार ने आखिर भाजपा को समर्थन दिया। अजीत पवार की पार्टी में वापसी के बाद राज्य में शिवसेना की सरकार बनी। हालांकि ठाकरे सरकार में अभी तक अजीत पवार को शामिल नहीं किया गया। लेकिन अब चर्चा है कि अजीत पवार को  ठाकरे सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।

इस बारे में आधिकारिक तौर पर पार्टी का कोई बयान नहीं आया है। अजीत पवार पहले भी राज्य की कांग्रेस और शिवसेना सरकार में डेप्युटी सीएम सीएम रह चुके हैं। फिलहाल राज्य में विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर को समाप्त हो रहा है और इसके बाद ठाकरे सरकार राज्य में कैबिनेट का विस्तार करेगी। यही नहीं अभी तक राज्य में कैबिनेट मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। जबकि सरकार बने काफी समय हो गया है। माना जा रहा है कि अभी तक गठबंधन दलों के बीच विभागों के बंटवारे पर फैसला नहीं हो सका है। अजीत पवार को एनसीपी का ताकतवर नेता माना जाता है।
 

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