तेलंगाना में भी कांग्रेस हुई कंगाल, 18 में से 12 विधायक टीआरएस के साथ गए

By Team MyNationFirst Published Jun 6, 2019, 4:55 PM IST
Highlights

विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीनिवास रेड्डी से मुलाकात कर सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति में कांग्रेस विधायकों के समूह के विलय का प्रतिवेदन दिया। 
 

लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। तेलंगाना में कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उसके 12 विधायकों ने टीआरएस का दामन थाम लिया। इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीनिवास रेड्डी से मुलाकात कर सत्तारूढ तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ कांग्रेस विधायकों के समूह के विलय का प्रतिवेदन दिया है।

राज्य की 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या उस समय 18 रह गई थी जब पार्टी की तेलंगाना इकाई के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी ने नलगोंडा से लोकसभा में चुने जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया था।

तंदूर से कांग्रेस विधायक रोहित रेड्डी ने नाटकीय घटनाक्रम के तहत मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे और टीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष के टी रामा राव से मुलाकात की और सत्तारूढ गठबंधन के प्रति अपनी वफादारी का संकल्प लिया। कांग्रेस के 11 विधायकों ने मार्च में घोषणा की थी कि वे टीआरएस में शामिल होंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक जी वेंकट रमन रेड्डी ने बताया कि 12 विधायकों ने राज्य के विकास के लिए मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। रेड्डी ने बताया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक प्रतिवेदन देकर टीआरएस में विलय का अनुरोध किया है।

रेड्डी ने कहा, ‘कांग्रेस विधायक दल की हमारी एक विशेष बैठक हुई। इसके 12 सदस्यों ने मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व को समर्थन दिया और वे उनके साथ काम करना चाहते हैं। हमने अध्यक्ष को प्रतिवेदन दिया और उनसे टीआरएस के साथ हमारे विलय का अनुरोध किया।’ 

Telangana Congress Chief N Uttam Kumar Reddy on 12 party MLAs meet Telangana Assembly Speaker, seeking a merger with TRS: Congress will fight it democratically, we are looking for the Speaker since morning, he is missing. You people help us in finding him. pic.twitter.com/pLgI1O4rUV

— ANI (@ANI)

अधिकारियों ने बताया कि 12 विधायक कांग्रेस विधायक दल की संख्या का दो-तिहाई है यानी उन पर दलबदल विरोधी कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे। यदि अध्यक्ष उनका अनुरोध स्वीकार कर लेते हैं, तो कांग्रेस विपक्षी दल का दर्जा खो सकती है क्योंकि उसकी संख्या केवल छह रह जाएगी।

विधानसभा में हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के सात सदस्य हैं जबकि भाजपा का केवल एक सदस्य है। विधानसभा के लिए पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में टीआरएस ने 88 सीटें जीती थीं। (इनपुट एजेंसी)

click me!