बजटः किसानों और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणाएं कर सकती है सरकार

By Team MyNation  |  First Published Jan 31, 2019, 9:50 AM IST

कल पेश होने वाला बजट मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट है। माना जा रहा है कि चुनावों के मद्देनजर सरकार इस बजट में किसानों और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुये कुछ घोषणा की जा सकती हैं। अंतरिम बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने की उम्मीद नहीं है।

2019 में होने जा रहे लोक सभा चुनाव से पहले आज से ससंद का अंतिम सत्र शुरु होने जा रहा है। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुई। इस सत्र में मोदी सरकार एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने जा रही है।

आज से शुरु हो रहे बजट सत्र को ठीक ढंग से चलाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के सांसदों की बैठक बुलाई है। सदन को सुचारु ढंग से चलाने के लिए बुधवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सभी दलों के बैठक बुलाई थी।

कल पेश होने वाला बजट मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट है। माना जा रहा है कि चुनावों के मद्देनजर सरकार इस बजट में किसानों और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुये कुछ घोषणा की जा सकती हैं। अंतरिम बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने की उम्मीद नहीं है।

सूत्रों के अनुसार इस सत्र में सरकार आयकर छूट सीमा बढ़ाने, गरीबों के लिये मिनिमम इनकम स्कीम और किसानों के लिये सहायता पैकेज सहित कई तरह की लोक लुभावन घोषणा की जा सकती हैं। हालांकि, आगामी बजट सत्र के दौरान नई सरकार के सत्ता संभालने तक चार माह के खर्च के लिये लेखानुदान को ही मंजूरी दी जायेगी।

आम चुनाव के बाद मई में चुनकर आने वाली नई सरकार ही जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी और उससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश संसद में पेश किया जायेगा। वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल यह बजट पेश करेंगे। अरुण जेटली के इलाज के लिए अमेरिका जाने के बाद पिछले सप्ताह ही रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। इससे पहले वित्त मंत्री रहते हुए जेटली ने पांच बजट पेश किए हैं।

बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलने की उम्मीद है। अप्रैल, मई में आम चुनाव होने हैं। मई अंत तक नई सरकार का गठन हो सकता है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अंतरिम बजट में भी सभी बजट दस्तावेज होंगे जिनमें अगले वित्त वर्ष के लिये राजस्व और व्यय के बजट अनुमान रखे जायेंगे। लेकिन संसद से अगले चार माह के खर्च के लिये लेखानुदान को ही पारित किया जायेगा।
 

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