रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता है। लेकिन यहां से कांग्रेस की एकमात्र विधायक अदिति सिंह भी अब जल्द ही कांग्रेस को अलविदा कह सकती हैं। फिलहाल अदिति सिंह ने कांग्रेस के पूर्व बागी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का अनुसरण करते हैं अपने ट्वविटर एकाउंट से कांग्रेस नाम और लोगो को हटा दिया है। जबकि सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ने से पहले इस तरह से कांग्रेस नाम और लोगो को हटाया था।
नई दिल्ली। कांगेस की बागी विधायक अदिति सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चल पढ़ी है। जिसके बाद माना जा रहा कि गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में कांग्रेस को बढ़ा झटका लग सकता है। अदिति सिंह ने अपने सोशल एकाउंट से कांग्रेस का लोगो और नाम हटा दिया है। जिससे एक बात तय हो गई है कि अदिति सिंह कांग्रेस को अलविदा कह सकती हैं।
रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता है। लेकिन यहां से कांग्रेस की एकमात्र विधायक अदिति सिंह भी अब जल्द ही कांग्रेस को अलविदा कह सकती हैं। फिलहाल अदिति सिंह ने कांग्रेस के पूर्व बागी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का अनुसरण करते हैं अपने ट्वविटर एकाउंट से कांग्रेस नाम और लोगो को हटा दिया है। जबकि सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ने से पहले इस तरह से कांग्रेस नाम और लोगो को हटाया था। उधर अदिति के अकाउंट से हटते ही ट्विटर ने भी आईडी से ब्लूटिक हटा दिया है।
अदिति सिंह की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अदिति कांग्रेस को अलविदा कह सकती हैं। इससे पहले अदिति ने पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की भी आलोचना की थी। यूपी में बस विवाद के बीच अदिति ने पार्टी की लाइन से बाहर जाकर बयान दिया था और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा। जिसके बाद कांग्रे ने उन्हें महिला विंग के महासचिव के पद से हटा दिया था।
कुछ महीने पहले अदिति सिंह ने गांधी जयंती पर पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था जबकि उसी दिन प्रियंका गांधी लखनऊ में धरना दे रही थी। जबकि अदिति प्रियंका के साथ नहीं गई। यही नहीं पिछले दिनों अदिति सिंह ने बस विवाद के बाद कांग्रेस की महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार पर सवाल खड़े किए।
कभी गांधी परिवार से थे करीबी रिश्ते
अदिति सिंह के गांधी परिवार के साथ करीब रिश्ते थे। अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह के गांधी परिवार के साथ रिश्ते थे। पिछले साल लोकसभा चुनाव में अखिलेश सिंह ने रायबरेली में सोनिया गांधी की मदद की थी। जिसके बाद सोनिया रायबरेली सीट पर जीत गई थी। जबकि अमेठी में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। कहा जाता है कि रायबरेली में सोनिया की जीत का अंतर एक लाख वोट था जो उन्हें रायबरेली शहर से मिला था और इसमें अदिति सिंह के परिवार बड़ी भूमिका थी।
पार्टी के खिलाफ पहले भी दे चुकी हैं बयान
कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पार्टी के लाइन के खिलाफ जाकर बयान दिया था। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आ गई थी। हालांकि कांग्रेस ने अदिति सिंह को सत्र में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया था। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा था। इसके बाद अदिति सिंह की सुरक्षा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बढ़ा दी थी। यही नहीं अदिति सिंह पिछले साल 22 से 24 अक्टूबर को रायबरेली में हुए प्रशिक्षण सत्र से गायब थी।