महाराष्ट्र में फिर शुरू हो सकता है भाजपा का ऑपरेशन लोटस, ये हो सकता है मूलमंत्र

By Team MyNationFirst Published May 28, 2020, 1:29 PM IST
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फिलहाल भाजपा ने अंतरखाने मध्य प्रदेश की तर्ज पर ऑपरेशन लोटस की तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन इस बार पार्टी ने नया मूल मंत्र तैयार किया है।  भाजपा मराठा अस्मिता को लेकर दूसरे दलों के विधायकों में सेंध मारी करने की तैयारी में है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर ऑपरेशन लोटस शुरू कर सकती है। देश में महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है और राज्य की उद्धव ठाकरे  सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस ही नहीं शिवसेना के कई विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि राज्य की ठाकरे सरकार फ्लॉप हो गई है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद साफ हो गया है कि कांग्रेस भी राज्य में सरकार  के रवैये को लेकर नाराज है। वहीं राज्य में सरकार के सहयोगी दलों के बीच अंतर्विरोध गहरे हो रहे हैं।

फिलहाल भाजपा ने अंतरखाने मध्य प्रदेश की तर्ज पर ऑपरेशन लोटस की तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन इस बार पार्टी ने नया मूल मंत्र तैयार किया है।  भाजपा मराठा अस्मिता को लेकर दूसरे दलों के विधायकों में सेंध मारी करने की तैयारी में है। फिलहाल मध्यप्रदेश और कर्नाटर में ऑपरेशन लोटस की सफलता के बाद अब भाजपा की नजर एक बार फिर महाराष्ट्र पर है। राज्य में भाजपा पहले इसमें मात खा चुकी है और अब वह सभल कर कदम रख रही है। माना जा रहा है कि भाजपा मराठा कार्ड खेल कर राज्य में विरोधी दलों में सेंधमारी कर सकती है और इसमें भाजपा नेता नारायण राणे अहम भूमिका निभा सकते हैं। राणे को महाराष्ट्र में दिग्गज नेता माना जाता है और उनके राज्य में सभी दलों के विधायकों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। राणे शिवसेना में रह चुके हैं।

शिवसेना में ज्यादातर विधायक उद्धव ठाकरे की कार्यप्रणाली को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं। राज्य में पिछले दिनों हुई साधुओं की हत्या और पार्टी की हिंदू विरोधी छवि उभरने के बाद विधायक पार्टी से बगावत भी कर सकते हैं। नारायण राणे ने पिछले दिनों राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की और राज्य सरकार को बर्खास्त करने मांग की।  वहीं राज्य में शिवसेना सरकार में सहयोगी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बयान के बाद राज्य सरकार बैकफुट में आ गई है। हालांकि राहुल गांधी पहले ही शिवसेना के साथ सरकार चलाने के पक्ष में नहीं थे।

लेकिन अब उन्होंने बयान देकर जता दिया है कि कांग्रेस ने मजबूरी में शिवसेना को समर्थन दिया है। फिलहाल राज्य में कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार मुसीबत में है और विपक्षी दलों के साथ ही सहयोगी भी सरकार के ऊपर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।  फिलहाल उद्धव ठाकरे ने सभी सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर ये संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य में सब ठीक है।
 

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