दिल्ली में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन अब कांग्रेस की फांस बनता जा रहा है। गठबंधन को लेकर दिल्ली में नेताओं को दो गुट हो गए हैं और पार्टी में दो फाड़ हो गए हैं।
दिल्ली में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन अब कांग्रेस की फांस बनता जा रहा है। गठबंधन को लेकर दिल्ली में नेताओं को दो गुट हो गए हैं और पार्टी में दो फाड़ हो गए हैं। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित का धड़ा गठबंधन के खिलाफ है तो प्रदेश प्रभारी पीसी और अजय माकन का गुट इसकी पैरोकारी कर रहा है।
कांग्रेस को अभी भी आप से दिल्ली में गठबंधन की उम्मीद है और पार्टी की नेता इसके लिए जबरदस्त सक्रिय हैं। हालांकि दोनों पार्टियों की तरफ से ये कहा जा रहा है कि गठबंधन नहीं होगा। लेकिन कोशिशें जारी हैं। हालांकि एक दिन पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों धड़ों की बैठक बुलाई। इस बैठक में राहुल गांधी के सामने भी शीला दीक्षित गठबंधन न करने पर अपनी राय दी तो पैरोकार करने वाले गुट ने इसके चुनाव के परिणाम को बताया।
सूत्रों के मुताबिक यह कहा जा रहा है कि बैठक में शामिल 12 नेताओं में से 6 नेताओं ने समर्थन किया तो 6 विरोध में थे। हालांकि कुछ नेताओं के रूख में बड़ा बदलाव आया है और अब तक गठबंधन का विरोध कर रहे सुभाष चोपड़ा और अरविंदर सिंह लवली अब गठबंधन करने के पक्ष में हैं। वहीं शीला के विरोधी खेमे ने गठबंधन करने के लिए दिल्ली के 14 जिला अध्यक्षों और दिल्ली के तीनों नगर निगमों के पार्षदों का समर्थन पत्र भी आलाकमान को दिखाया।
हालांकि अभी की गठबंधन का समर्थन कर रहे गुट के नेताओं का मानना कि राहुल गांधी इस पर फैसला कर सकते हैं। हालांकि अभी तक फैसला न होने के कारण कार्यकर्ता नाराज हैं। उनके सामने अभी तक कोई स्थिति साफ नहीं है और न ही नेताओं के सामने। क्योंकि पार्टी गठबंधन करेगी या नहीं लगातार दो महीने से गठबंधन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। अभी कांग्रेस दो खेमे में बंटी है।