बाजार के जानकारों का कहना है कि इस बार बारिश दालों के लिए अच्छी साबित नहीं हुई है। क्योंकिं दलहन उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण फसलों पर असर पड़ा है। बारिश के कारण ही मध्यप्रदेश में उड़द की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिसके कारण कीमतों में इजाफा होगा। वहीं बारिश के कारण दलहन की बुवाई भी कम हुई है। बारिश के कारण ही देश में पिछले एक हफ्ते के दौरान उड़द के दाम में 450-850 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है।
नई दिल्ली। अभी तक प्याज और टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों से रूबरू हो रहे देश की जनता को अब महंगी दालों से रूबरू होना पड़ेगा। बारिश के कारण देशभर के कई राज्यों में दालों की फसल पर असर पड़ा है वहां बारिश के कारण गोदाम में रखी दाल भी खराब हो गई हैं। जिसके बाद अब बाजार में दालों की कीमतों में उछाला आना तय माना जा रहा है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस बार बारिश दालों के लिए अच्छी साबित नहीं हुई है। क्योंकिं दलहन उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण फसलों पर असर पड़ा है। बारिश के कारण ही मध्यप्रदेश में उड़द की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिसके कारण कीमतों में इजाफा होगा। वहीं बारिश के कारण दलहन की बुवाई भी कम हुई है। बारिश के कारण ही देश में पिछले एक हफ्ते के दौरान उड़द के दाम में 450-850 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है।
वहीं मूंग, मसूर और चना के दाम में भी वृद्धि हुई है। वहीं अभी तक जनता प्याज, लहसुन, टमाटर और सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों से जूझ रही हैं। लेकिन अब दालें भी थाली की कीमतों को बढ़ाने के लिए बेताब बैठी हैं। बाजार में जो चना एक सप्ताह पहले तक 55-60 रुपये किलो मिल रहा था उसकी कीमत अब 65-70 रुपये किलो हो गई है जबकि चने की दाल 90 रुपये किलो मिल रही है। इसके साथ ही मटर और अरहर के दाम में भी इजाफा देखने को मिल सकता है।
कीमत बढ़ेंगी तो सरकार लगा सकता है स्टॉक लिमिट
हालांकि बाजार के जानकार कहते है कि बाजार में उत्पादों की कीमत को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार स्टॉक लिमिट लगा सकती है। हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ व्यापारी बढ़ती कीमतों के कारण ज्यादा स्टॉक रखते हैं। लेकिन इस बार बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है।