भारत के विश्व गुरु होने की कल्पना बहुत प्राचीन है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने पांच दिनों की अफ्रीका यात्रा के दौरान रवांडा को 200 गायों का दान किया था और अब भारत अफ्रीका का गुरु भी बनाने को तैयार है। अफ्रीका के कई देशों ने भारत से आग्रह किया है कि उनके देशों के युवाओं के कौशल विकास में भारत उनकी मदद करें।
भारत में युवाओं के कौशल विकास के लिए मोदी सरकार ने कौशल विकास मंत्रालय बनाया था, साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास कॉर्पोरेशन भी बनाया था। इसी कॉर्पोरेशन ने अफ्रीका के छह देशों के साथ इथियोपिया, रवांडा, घाना, नाइजीरिया, सेनेगल और तंज़ानिआ के साथ मसौदा किया है। ताकि यह देश भारत के कौशल विकास कार्यक्रम से सीख लेकर अपने देशों में लाभ उठा सकें।
भारत के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की माने तो अफ़्रीकी देश भारत से ही कौशल विकास में मदद इसलिए लेना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पश्चिमी देशों पर भरोसा नहीं है। उनका मानना है कि पश्चिमी देश उनके पिछड़े होने का फायदा उठाते हैं और उनको हेय दृष्टि से देखते हैं। इन अफ़्रीकी देशों को चीन पर भी विश्वास नहीं है क्यूंकि चीन ने अफ्रीका का सामरिक दोहन करने की नीति अपना रखी है।
इस साल मई में केन्या से डेलीगेशन आया था यह देखने की भारत में यह मंत्रलय और कौशल विकास कॉर्पोरेशन कैसे चलता है। उनका यहाँ आने का उद्देश्य यह था कि भारत के एक्सपीरिएंस से सीखें और अपने देश में इसका लाभ उठा सकें," कौशल विकास कॉर्पोरेशन के एमडी और सीईओ मनीष कुमार ने माय नेशन को यह भी बताया कि कॉर्पोरेशन की वित्तीय सहायता से कई देशों में, जैसे कि इथियोपिया, नाइजीरिया, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका में भारत के कौशल विकास सेंटर खुल चुके हैं।
कुछ ऐसे क्षेत्र जहां भारत सहायता प्रदान कर सकता है और अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग कर सकता है।
भारत अफ्रीका को जहां भी आवश्यक हो वहां तकनीकी और व्यावसायिक प्रणालियों का समर्थन करने के साथ-साथ उसमें सुधार करने का साथ और मजबूत कर सकता है।
कौशल विकास के मुल्यांकन का तरीका
• कौशल विकास के लिए वहां के अनुरुप ढ़ांचे का निर्माण
• संस्थागत सुधार
• व्यावसायिक मानकों, गुणवत्ता आश्वासन, योग्यता ढांचे, नियामक तंत्र, मूल्यांकन ढांचे का निर्माण
• कौशल परिषद के क्षेत्रीय उद्योग निकाय की स्थापना
• प्रशिक्षण के लिए मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान
•क्षमता विकास के ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षक की व्यवस्था