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कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनते ही जेडीएस में बगावत !

Published : Jul 27, 2019, 08:10 AM IST
कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनते ही जेडीएस में बगावत !

सार

शुक्रवार की शाम को राज्य में बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि विपक्षी दलों ने इस शपथ ग्रहण से दूरी बनाकर रखी। लेकिन राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही जेडीएस में बगाबत हो गयी है। मंगलवार तक राज्य में जेडीएस की अगुवाई वाली कांग्रेस समर्थित सरकार चल रही थी। कांग्रेस के समर्थन से ही 14 महीने पहले राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी और एचडी कुमारस्वामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।

कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की सरकार बनते ही राज्य में अभी तक सरकार चला रहे एचडी कुमारस्वामी की पार्टी जनता दल(सेक्युलर) में बागवत हो गयी है। पार्टी का एक धड़ा राज्य में भाजपा की नई सरकार को समर्थन देने की मांग कर रहा है। इस गुट का कहना है कि कांग्रेस से नाता तोड़ पार्टी को भाजपा का साथ देना चाहिए। हालांकि इसके लिए पार्टी ने पूरा फैसला कुमारस्वामी पर छोड़ा है।

शुक्रवार की शाम को राज्य में बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि विपक्षी दलों ने इस शपथ ग्रहण से दूरी बनाकर रखी। लेकिन राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही जेडीएस में बगाबत हो गयी है। मंगलवार तक राज्य में जेडीएस की अगुवाई वाली कांग्रेस समर्थित सरकार चल रही थी।

कांग्रेस के समर्थन से ही 14 महीने पहले राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी और एचडी कुमारस्वामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन मंगलवार को 21 दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद कुमारस्वामी सरकार सदन में बहुमत न होने के कारण गिर गयी थी। क्योंकि राज्य सरकार के 15 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए थे।

लेकिन अब राज्य में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन में भी टूट की आशंका बन गयी है। क्योंकि जेडीएस के विधायक कांग्रेस से गठबंधन तोड़ भाजपा की नई येदियुरप्पा सरकार को समर्थन देने की मांग कर रहे हैं। इन विधायकों का कहना है कि पार्टी को भाजपा सरकार का समर्थन करना चाहिए। हालांकि पार्टी के कुछ विधायक इसके खिलाफ हैं।

लिहाजा पार्टी में इस मामले को लेकर बगावत हो रही है। बेंगलुरु में ताज वेस्ट एंड होटल में जेडीएस की शुक्रवार को एक अहम बैठक हुई और इसमें दो गुट बन गए। कुमारस्वामी के साथ बैठक में जेडीएस में दो गुट सामने आए हैं, जिनमें से एक गुट विपक्ष में बैठने को तैयार है, जबकि दूसरे ने भाजपा से समर्थन बढ़ाने की मांग की है। फिलहाल इस मुद्दे पर अब मुख्यमंत्री कुमारस्वामी फैसला करेंगे। 

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