1948 में डकोटा विमानों ने कश्मीर को पाकिस्तानियों से बचाया था: एयर कोमोडोर एमके चंद्रशेखर

By Team MynationFirst Published Oct 7, 2018, 5:53 PM IST
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सांसद राजीव चंद्रशेखर ने भारतीय सेना में अपने पिता की सेवा को सम्मान देते हुए विमान को दोबारा तैयार करवाया है। नया विमान सोमवार को वायु सेना दिवस समारोह के दौरान पहली बार उड़ान भर रहा है।
 

पूरी तरह से तैयार और नए रूप में डीसी 3 डकोटा #वीपी 905 परशुराम 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस पर फ्लाई पास्ट समारोह में भाग लेगा। एयर फोर्स डे के फ्लाई पास्ट में डकोटा के 1940 के विंटेज वर्जन समेत कुल 28 विमान शामिल होंगे। 

वायुसेना दिवस समारोह  में डकोटा पहली बार उड़ान भर रहा है। इसके अलावा, टाइगर मॉथ और हार्वर्ड-विंटेज एयरक्राफ्ट एयर डिस्प्ले में भाग लेंगे, जो गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर वायुसेना दिवस परेड का हिस्सा है।

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शर्मा ने कहा कि, एएलएच (ALH)के साथ डकोटा भी समारोह में होगा।

संसद सदस्य राजीव चंद्रशेखर ने अपने पिता सेवानिवृत एमके चंद्रशेखर की भारतीय वायु सेना को दी गई सेवा को सम्मान के प्रतीक के तौर पर इसे नवीनीकृत कराया है। इसी विमान से ही कश्मीरियों को पाकिस्तानी घुसपैठियों से बचाया गया था। 

1940 का विंटेज विमान डकोटा डीसी-3 वीपी 905 परशुराम को औपचारिक रूप से हिंडन एयर बेस पर एक भव्य समारोह के दौरान वायुसेना में शामिल किया गया था। जहां राजीव चंद्रशेखर के पिता एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) एमके चंद्रशेखर ने एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को इसे सौंपा था। उन्होंने 4 मई को हिंडन एयरबेस पर विमान को भारतीय वायुसेना को सौंप दिया था।

डकोटा विमान के साथ जुड़ी अपनी सेवा को याद करते हुए एमके चंद्रशेखर ने कहा कि, "अपने समय में डकोटा भारतीय वायुसेना का इकलौता परिवहन विमान था। डकोटा वह पहला विमान था जो भारतीय सेना के जवानों को सुरक्षित एयरलिफ्ट करते हुए श्रीनगर लाया था। इसने स्थानीय कश्मीरी जनता को भी पाकिस्तानी आतंकवादियों से बचाया था"। 

रिटायर्ड एयर कोमोडोर श्री एमके चंद्रशेखर बताते हैं कि डकोटा ना होता तो 1946-47 में जम्मू-कश्मीर की वह प्रभावित जनता बचाई नहीं जा सकती थी। 

डकोटा की पुन: बहाली में 6 साल से ज्यादा का समय लगा और अब यह इस साल एयर फोर्स डे पर फ्लाई पास्ट समारोह में हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

डकोटा डीसी-3 वीपी 905 की उड़ानें सात देशों में सम्मानित तरीके से बहाल थी। डकोटा, जो गोनी बर्ड के नाम से भी जाना जाता है, पहला बहुत महत्वपूर्ण परिवहन विमान था जो भारतीय वायुसेना को अपनी सेवाएं दे रहा था।

सांसद राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिख कर 15 अप्रैल को भारतीय राष्ट्रीय विमानन दिवस मनाने का आग्रह किया था। 
 

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