अब इस शहर में सड़कों पर नमाज या धार्मिक कार्यक्रम हुए तो खैर नहीं

By Team MyNationFirst Published Jul 26, 2019, 1:09 PM IST
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सड़कों पर पढ़ी जाने वाली नमाज के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। इनका कहना था कि मुस्लिम समाज शुक्रवार को सड़कों पर नमाज पढ़ता है। जिसके कारण लोगों को दिक्कत होती है। लिहाजा जब तक सड़कों पर नमाज पढ़ना रोका नहीं जाता है तो वह मंगलवार और शनिवार को सड़कों पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।


सड़कों पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर हो रहे टकराव के बाद अलीगढ़ जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सड़कों पर पढ़ी जाने वाली नमाज पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने ये केवल नमाज पर ही नहीं बल्कि सड़कों पर होने वाली आरती पर भी लगाई है। ताकि किसी भी तरह धार्मिक टकराव न हो सके।

अलीगढ़ में सड़कों पर पढ़ी जाने वाली नमाज के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। इनका कहना था कि मुस्लिम समाज शुक्रवार को सड़कों पर नमाज पढ़ता है। जिसके कारण लोगों को दिक्कत होती है। लिहाजा जब तक सड़कों पर नमाज पढ़ना रोका नहीं जाता है तो वह मंगलवार और शनिवार को सड़कों पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।

हिंदू संगठनों के इस ऐलान के बाद अलीगढ़ जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गयी थी। बजरंग दल जैसे कई दक्षिणपंथी संगठनों ने शहर में मंदिरों के बाहर हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान आरती का आयोजन करना शुरू कर दिया था।
 
प्रशासन ने प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ और महाआरती शुरू करने के बाद सड़कों पर होने वाली धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अलीगढ़ के जिलाधिकारी सीबी सिंह का कहना है कि यह प्रतिबंध सड़क पर नमाज पढ़ने वालों पर भी लगा है।

हालांकि ईद जैसे त्योहारों के मौके पर ये प्रतिबंध नहीं रहेगा क्योंकि लोगों को जगह नहीं मिलती है। जिलाधिकारी का कहना है कि बिना किसी पूर्व अनुमति के जुमे और धार्मिक गतिविधियों को सड़कों पर आयोजित नहीं करने दिया जाएगा। 

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