मुलायम के समधी के बाद अब बहू ने दिया सपा-बसपा गठबंधन के खिलाफ बयान

By Team MyNation  |  First Published Jan 19, 2019, 11:14 AM IST

मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की बहू और प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव राजनीति में सक्रिय हैं. पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर लड़ा लेकिन भाजपा की दिग्गज रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गयी. उसके बाद राज्य में योगी सरकार बनने के बाद उनकी भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ी.

राज्य में सपा और बसपा के गठबंधन बन जाने के बाद मुलायम के समधी के बाद मुलायम की बहू अपर्णा यादव का बयान सामने आया है. मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा कि सपा और बसपा के कार्यकर्ताओं में आपस में तालमेल बैठाना दोनों दलों के लिए लिए एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि सपा और बसपा गठबंधन को उनके चचेरे ससुर और राजनैतिक गुरू शिवपाल यादव जरूर नुकसान पहुंचाएंगे.

मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की बहू और प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव राजनीति में सक्रिय हैं. पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर लड़ा लेकिन भाजपा की दिग्गज रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गयी. उसके बाद राज्य में योगी सरकार बनने के बाद उनकी भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ी. क्योंकि राज्य के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड से ताल्लुकात रखते हैं और अपर्णा भी वहीं से ताल्लुक रखती है. अपर्णा के पिता अरविंद सिंह बिष्ट वरिष्ठ पत्रकार हैं और हाल ही में राज्य के सूचना आयुक्त के पद से रिटायर हुए हैं.

हाल ही शिवपाल की लखनऊ में आयोजित बढ़ी रैली में अपर्णा मुलायम सिंह के साथ मंच पर दिखी थी. उस वक्त ऐसा माना जा रहा था कि अपर्णा आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी. अब अपर्णा ने राज्य में सपा और बसपा के बीच बने गठबंधन के लिए दोनों दलों को बधाई दी है. लेकिन अपर्णा ने साफ कहा कि वह चुनाव लड़ेगी इसका फैसला मुलायम और उनके राजनैतिक गुरू शिवपाल सिंह यादव करेंगे. लेकिन अपर्णा ने साफ कहा कि आगामी चुनाव में सपा और बसपा को शिवपाल जरूर नुकसान पहुंचाएंगे.उन्होंने यह भी कहा कि सपा-बसपा के कार्यकर्ताओं में तालमेल बैठाना दोनों ही नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.

अब जब गठबंधन हो गया है तो दोनों ही दलों के नेताओं के लिए कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बैठाना एक बड़ी चुनौती होगी.अपर्णा यादव ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सामने गठबंधन एक बड़ी चुनौती होगी. उन्होंने कहा कि जब चाचाजी(शिवपाल सिंह यादव) समाजवादी पार्टी में थे तो वे पार्टी के एक बड़े चेहरे थे, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें मजबूरी में एक नई पार्टी बनानी पड़ी. वह निश्चित रूप से कुछ वोट काटेंगे क्योंकि उनकी एक अच्छी पकड़ है.

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