असल में राज्य में सभी राजनैतिक दल शुरुआत में लोकसभा चुनाव की तर्ज पर महागठबंधन की वकालत कर रहे थे। लेकिन राजद इस बात पर अड़ा हुआ है कि राज्य में राजद नेता तेजस्वी यादव को सीएम के तौर पर उतारा जाए। हालांकि ज्यादातर दल तेजस्वी को लेकर सहमत नहीं है।
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य गैर राष्ट्रीय जनता दल और गैर जनता दल यूनाइटेड की आहट सुनाई दे रही है। जनता दल यूनाइटेड से निष्कासित प्रशांत किशोर यानी पीके ने इसके लिए मुहिम शुरू कर दी है। लिहाजा पीके ने कांग्रेस समेत राज्य के कई छोटे दलों के नेताओं के साथ मुलाकात की। हालांकि इस बैठक में राजद के नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया। लेकिन माना जा रहा है कि राजद अगर सीएम के चेहरे की जिद नहीं छोड़ती है तो राज्य में एक तीसरे मोर्चे का गठन हो सकता है।
असल में राज्य में सभी राजनैतिक दल शुरुआत में लोकसभा चुनाव की तर्ज पर महागठबंधन की वकालत कर रहे थे। लेकिन राजद इस बात पर अड़ा हुआ है कि राज्य में राजद नेता तेजस्वी यादव को सीएम के तौर पर उतारा जाए। हालांकि ज्यादातर दल तेजस्वी को लेकर सहमत नहीं है। क्योंकि उनका कहना है कि राजद में कई बड़े नेता है। फिलहाल गैर राजद और गैर जदयू नेताओं की प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद राज्य में नए समीकरण बनने के संकेत हैं।
प्रशांत किशोर ने बिहार कांग्रेस के प्रमुख, रालोसपा प्रमुख , हम के नेता जीतन राम मांझी से मुलाकात की। वहीं गुरुवार को दिल्ली में आवाम मोर्चा (एस) के प्रमुख और पूर्व सीएम दानिश रिजवान और विकास पार्टी के नेता मुकेश साहनी से भी मुलाकात की। लेकिन पीके की बैठक में राजद का कोई भी नेता मौजूद नहीं था। हालांकि राज्य में गैर गठबंधन के पैरोकार रहे शरद पवार ने साफ कर दिया है कि वह राज्य के सीएम की दौड़ में नहीं है।
हालांकि यादव तेजस्वी यादव के पक्ष में सहमति बनाने में जुटे हैं। वहीं राजद का साफ कहना है कि अगर राज्य में गैर एनडीए गठबंधन को मजबूत बनाना है तो तेजस्वी के नेतृत्व में आगे बढ़ना होगा। फिलहाल पीके राज्य में युवाओं को जोड़ने के लिए तरह तरह की रणनीती तैयार कर रहे हैं और इसी के तहत उन्होंने 100 दिनों में एक करोड़ युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है।