इस्राइली स्पाइक मिसाइलों की जगह मेक इन इंडिया के तहत बने हथियार खरीदेगी सेना

By Ajit K Dubey  |  First Published Dec 6, 2018, 7:39 PM IST

भारतीय सेना इस्राइल से 3000 करोड़ रुपये के स्पाइक मिसाइल सौदे को खत्म करने जा रही है। यह सौदा सेना के लिए 4000 इस्राइली एंटी टैंक मिसाइलों की खरीद से जुड़ा है। 

ऐसे समय में जब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) मिसाइलों के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है, भारतीय सेना इस्राइल से 3000 करोड़ रुपये के स्पाइक मिसाइल सौदे को खत्म करने जा रही है। यह सौदा सेना के लिए 4000 इस्राइली एंटी टैंक मिसाइलों की खरीद से जुड़ा है। सेना इस्राइली मिसाइलों की जगह स्वदेशी हथियार प्रणाली को तरजीह देना चाहती है। 

दोनों देशों के बीच स्पाइक मिसाइल सौदे को लेकर काफी समय से बातचीत चल रही है लेकिन यह सौदा किसी न किसी कारण से लटकता रहा है। अब यह खत्म होने की स्थिति में पहुंच गया है। 

सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने 'माय नेशन' को बताया, 'मेक इन इंडिया के तहत मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपी-एडीजीएम) को तेजी से विकसित करने में मदद मिलेगी। जल्द ही इस प्रणाली का दूसरा परीक्षण किया जाएगा। सेना स्पाइक मिसाइलों की जगह स्वदेशी प्रणाली को तरजीह देना चाहती है।'

इससे पहले, सेना ने मिसाइल की अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 4000 मिसाइलें खरीदने की योजना बनाई थी। इन मिसाइलों को युद्ध की स्थिति में शत्रु देश के टैंकों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सेना बड़े पैमाने पर एमपी-एटीजीएम को खरीदना चाहती है। उसे अपनी जरूरत पूरी करने के लिए ऐसी 20,000  मिसाइलों की जरूरत है। 

हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सेना में यह विचार हो रहा है कि कांट्रैक्ट साइन होने के बाद स्पाइक मिसाइलों को शामिल करने में दो से तीन साल का समय लग सकता है, ऐसे में बेहतर यह होगा कि सेना डीआरडीओ से यह हथियार प्रणाली खरीदे, क्योंकि उसे भी अपनी मिसाइलों की आपूर्ति में इतना ही समय लगना है।  

भारत को 8000 स्पाइक एडीजीएम की आपूर्ति के लिए एक इस्राइली विक्रेता का चयन किया गया था लेकिन रक्षा मंत्रालय ने इस टेंडर को वापस ले लिया। बाद में यह फैसला लिया गया कि सेना की जरूरतों को आयात और घरेलू उत्पादन के साथ पूरा किया जाएगा। हालांकि एक बार फिर परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। 

इस बीच, सरकारी कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने भी हैदराबाद में एमपी-एटीजीएम के उत्पादन की इकाई स्थापित कर ली है। ताकि सेना को समय से इन मिसाइलों की आपूर्ति की जा सके। उधर, इस्राइली विक्रेता भी इस मिसाइल प्रणाली के भारत में उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों से संपर्क साध रहे हैं। 

click me!