सेना का हैरतअंगेज कारनामा, जनवरी से सियाचिन में बर्फ में फंसे हेलीकॉप्टर को निकाला, देखें तस्वीरें

18,000 फीट की ऊंचाई पर फंसा हुआ था एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर। सेना के तकनीशियनों और पायलटों ने की मरम्मत। हेलीकॉप्टर सुरक्षित सियाचिन बेस कैंप पर लाया गया।

Army recovers snow-stuck helicopter from Siachen Glacier, sets new world record


साहस और पराक्रम भारतीय सेना का दूसरा नाम है। सेना ने एक और विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। सेना के पायलट और तकनीशियन सियाचिन ग्लेशियर में 18,000 फीट की ऊंचाई पर एक साल से बर्फ में फंसे हेलीकॉप्टर को सुरक्षित निकाल लाए हैं। जवानों की मदद से एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर को सुरक्षापूर्वक सियाचिन बेस कैंप पहुंचा दिया गया है।  

सेना के सूत्रों के मुताबिक, इस साल जनवरी में एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर 74 किलोमीटर लंबे सियाचिन ग्लेशियर में भारी बर्फबारी वाले इलाके में फंस गया था। तकनीकी खराबी आने के पाद इसकी खांडा नाम की पोस्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। पायलट हेलीकॉप्टर को बर्फ पर लैंड कराने में तो सफल रहा, लेकिन उसे हेलीपैड तक नहीं पहुंचा सका। सियाचिन ग्लेशियरइलाके में इस हेलीकॉप्टर को हवाई देखरेख के लिए लगाया गया था। हेलीकॉप्टर इस साल जनवरी से खांडा पोस्ट पर अटका हुआ था। इसे वापस लाने के सभी प्रयास जुलाई तक विफल रहे थे। पहली सफलता जुलाई के अंत में मिली, जब बेहद मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद सेना के पायलट और तकनीशियनों की एक टुकड़ी ने हेलीकॉप्टर के क्षतिग्रस्त हिस्सों को दुरुस्त करने में सफल रही। इसके बाद ही अब इसे बेस कैंप तक लाना संभव हो सकता है। 

18 हजार फीट की ऊंचाई से इस हेलीकॉप्टर को सुरक्षित निकाल लाना अपनी तरह का विश्व रिकॉर्ड है। भारत उन कुछ देशों में से एक है, जो इतनी ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं। भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीता और चेतक हेलीकॉप्टर 23 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरते हैं। चेतक और चीता फ्रांसीसी हेलीकॉप्टर हैं।  मशीन हैं, यहां तक कि फ्रांस भी इतनी ऊचाई पर इनका इस्तेमाल नहीं करता है, जहां गलती करने की संभावना न के बराबर होती है। 

'माय नेशन' पर देखिए इस हैरतअंगेज बचाव अभियान की तस्वीरें

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