बुलंदशहर में पिछले दिनों हुए बवाल के मामले में सेना का जवान जितेन्द्र मलिक उर्फ जीतू फौजी पुलिस की गिरफ्त में है। उसने स्वीकार किया है कि वह घटना वाले दिन भीड़ के साथ था। जीतू ही इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी है।
यूपी के बुलंदशहर में कथित गोहत्या के बाद भड़की हिंसा मामले में आरोपी सेना के जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी ने यूपी एसटीएफ के सामने कई राज खोले हैं।
उसने घटनावाले दिन की पूरी बात एसटीएफ को बताई है। एसटीएफ के मुताबिक जीतू ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि वह घटना के समय भीड़ के साथ मौजूद था। पुलिस जीतू के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजेगी।
हालांकि पुलिस के पास अभी भी इस बात का पुख्ता सबूत नहीं है कि जीतू ने ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली मारी थी।
इस बीच जीतू फौजी का बड़ा भाई धर्मेन्द्र उससे मिलने पुलिस लाइन पहुंचा। लेकिन उसे जीतू से मुलाकात करने की अनुमति नहीं दी गई। फिलहाल क्राइम ब्रांच ऑफिस में जीतू से पूछताछ चल रही है।
यूपी एसटीएस की टीम इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में इस्तेमाल हुई पिस्टल के बारे मे जानकारी निकाल कर उसे बरामद करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस जीतू को बुंलदशहर कोर्ट में पेश करके उसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
बुलंदशहर हिंसा की मूल एफआईआर में जीतू फौजी का नाम आरोपी नंबर 11 के रूप में दर्ज है। हालांकि जीतू फौजी की पत्नी प्रियंका ने वीडियो जारी कर दावा किया है कि पुलिस झूठे केस में मेरे पति को फंसा रही है। प्रियंका का कहना है कि हिंसा के दौरान मेरे पति मेरे साथ खरीदारी करने स्याना मार्केट गए हुए थे।
जीतू की मां रतन कौर ने बताया है कि बुलंदशह की घटना के बाद पुलिस ने घर में घुसकर भारी तोड़ फोड़ मचाई। जिसमें उनकी कार, टीवी, फ्रिज और घर की सारी चीजें बर्बाद हो गईं।